Women's Health: योगा करने पर शरीर को एक नहीं बल्कि कई फायदे मिलते हैं. इससे शारीरिक के साथ ही मानसिक सेहत भी अच्छी रहती है. देखा जाए तो हर व्यक्ति को योगा (Yoga) करने के लिए कहा जाता है. लेकिन, ऐसे कुछ योगासन हैं जो खासतौर से महिलाओं की सेहत के लिए अच्छे साबित होते हैं. इन योगासन को करने पर महिलाओं को पीरियड्स से लेकर कमर के दर्द, पेल्विक फ्लोर, वेट मैनेजमेंट और PCOS वगैरह में भी फायदा मिलता है. योगा टीचर आकांक्षा गावा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया है जिसमें वे बता रही हैं ऐसे 5 योगासन के बारे में जो हर महिला को जरूर करने चाहिए.
महिलाओं को जरूर करने चाहिए ये 5 योगासन | 5 Must Do Yoga Poses For Women
मलासन से वायु निष्कासनवायु निष्कासन को गैस रिलीज पोज कहते हैं. यह आसन पाचन, कोर स्ट्रेंथ और मेंस्ट्रुअल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इससे कोर पर असर पड़ता है, पाचन बेहतर होता है और वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है. मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में भी यह आसन फायदेमंद होता है. मलासन और वायु निष्कासन करते हुए 5-10 गहरी सांसे लें और सांस लेते हुए मूव करें.
इस योगासन को मार्जरी आसन कहते हैं. इस योगासन को करने पर मेंस्ट्रुअल क्रैंप्स (Menstrual Cramps) से खासतौर पर राहत मिलती है. यह महिलाओं को प्रेग्नेंसी और पोस्टमार्टम के दौरान भी फायदेमंद साबित होता है. इस योगासन से स्पाइनल मोबिलिटी बढ़ती है, कोर स्ट्रेंथ बेहतर होती है, कमर के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से राहत मिलती है. इससे पेल्विक फ्लोर कंट्रोल में भी मदद मिलती है. इस आसन को 5-10 सांसों तक करें और सांस लेते हुए मूव करते रहें.
चक्की चालासन (Chakki Chalasana) में मूवमेंट बिल्कुल चक्की चलाने जैसी ही होती है. इस पोज में कोर स्ट्रेंथ बढ़ती है. इससे पाचन बेहतर होता है और रिप्रोडक्टिव हेल्थ अच्छी रहती है. इस आसन को 10 बार क्लॉकवाइज और 10 बार काउंटर क्लॉकवाइज करें और सांसों को स्टेडी रखें.
प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए इस आसन को किया जा सकता है. इससे मेंस्ट्रुअल हेल्थ भी अच्छी रहती है, पेल्विक ऑर्गन्स स्टिम्यूलेट होते हैं और यूट्रस से ओवरीज तक ब्लड फ्लो बेहतर होने में मदद मिलती है. इस योगसन को करने पर PCOS के लक्षण कम होने में असर दिखता है. इससे हॉर्मोनल इंबैलेंस भी कम होता है. इसे 30 सेकंड से 1 मिनट तक किया जा सकता है, गहरी सांस लेते रहें.
इस योगासन को देवी आसन या गोड्डेस पोज कहते हैं. योगा टीचर के अनुसार इस आसन में महिला अपने अंदर की शक्ति से जुड़ती है, शक्ति यानी डिवाइन फेमिनिन एनर्जी. इस पोज से हिप्स खुलने में मदद मिलती है, लोअर चक्र एक्टिवेट होते हैं, और स्ट्रेंथ और सोफ्टनेस के बीच बैलेंस बनता है. इस पोज को 30 सेकंड से 1 मिनट तक किया जा सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.