टीनेजर बच्चों के माता-पिता को जरूर ध्यान में रखनी चाहिए ये 5 बातें, बच्चों के साथ कभी नहीं होंगे मनमुटाव 

Parenting Tips: किशोरावस्था में आते ही बच्चे बचपन और युवावस्था के कगार पर खड़े होते हैं. ऐसे में बच्चों को किस तरह समझा जाए और किस तरह उनकी परवरिश की जाए इसका माता-पिता को खास ख्याल रखना पड़ता है. 

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Raising Teenagers: इस तरह करनी चाहिए किशोर बच्चों की परवरिश. 

Parenting Advice: बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं माता-पिता की उनको लेकर चिंता भी बढ़ने लगती है. खासकर किशोरावस्था में आते ही बच्चे इतने बदलावों से गुजरने लगते हैं कि उनके व्यवहार का पहले से अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अक्सर ही माता-पिता समझ नहीं पाते कि किस तरह बच्चे की परवरिश करें, बच्चे को कैसे समझें, उसके साथ रिश्ते को कैसे मजबूत बनाए रखें और किस तरह बच्चे को सही राह दिखाएं. असल में किशोरावस्था (Teenage) उम्र ही ऐसी है जिसमें बच्चे बचपन और युवावस्था के कगार पर होते हैं. इस उम्र में खुद बच्चे भी नहीं समझते कि उन्हें क्या चाहिए और क्या नहीं. ऐसे में माता-पिता (Parents) ही कुछ बातों को ध्यान में रखकर बच्चों की मुश्किल आसान बना सकते हैं और उन्हें सही राह पर चलते रहने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं. 

लंबे बालों के लिए इन पीले बीजों को पीसकर लगा लें दही के साथ, घुटनों तक लहराने लगेगी चोटी 

किशारावस्था में कैसे करें बच्चों की परवरिश | How To Raise Teenagers

पुरानी आदतों को अचानक से ना छोड़ें 

कई बार बच्चे बड़े होने लगते हैं तो माता-पिता और बच्चे जिन कामों को पहले किया करते थे उन्हें छोड़ने लगते हैं, जैसे साथ खाना खाना, साथ में पढ़ना, बाहर जाना या मार्केट जाना वगैरह. ऐसे में इन आदतों को छोड़ने से पैरेंट्स और टीनेज बच्चों के बीच दूरी गहराने लगती है. इसीलिए इन आदतों को एकदम से छोड़ना सही नहीं होता है. 

कम्यूनिकेशन कम ना हो 

जिस तरह आप अपने नन्हे-मुन्ने से बात करते थे उसी तरह बच्चे के किशोरावस्था में आने के बाद भी उससे बात करते रहें. कोशिश करें कि बच्चे के साथ आपका कम्यूनिकेशन (Communication) कमजोर ना पड़े. दिनभर में एक ना एक वक्त ऐसा जरूर होना चाहिए जब आप दोनों एकदूसरे को समय दे सकें.

Advertisement
बच्चा कैसा दिखता है इसपर ना करें कमेंट 

माता-पिता और बच्चों के बीच दूरी गहराने की एक बड़ी वजह होती है पैरेंट्स का बच्चे के बदलते शरीर पर टिप्पणी करना. टीनेज में बच्चे अक्सर ही यह सोचकर परेशान रहते हैं कि उनके शरीर में इतने बदलवा क्यों हो रहे हैं. इसपर अगर पैरेंट्स भी टिप्पणी करने लगते हैं तो बच्चों का मनोबल टूटने लगता है. इसीलिए पैरेंट्स को बच्चों के समक्ष सोच-समझकर ही शब्दों का चुनाव करना चाहिए. 

Advertisement
खुद भी रहें एक्टिव और बच्चों को भी रखें 

टीनेज में बच्चों के शरीर में कई बदलाव होते हैं. यह ऐसा समय है जब बच्चे खाते-पीते भी अपनी ही मर्जी से हैं. ऐसे में बच्चों की फिटनेस का ख्याल रखना जरूरी होता है. इसके लिए आप खुद भी फिट रहें और बच्चों को भी फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करें. आप और बच्चे एकसाथ एक्सरसाइज कर सकते हैं, साथ में पार्क घूमने निकल सकते हैं, योगा क्लास जॉइन कर सकते हैं या फिर जुम्बा वगैरह कर सकते हैं. इससे आपको बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम भी मिल जाएगा. 

Advertisement
बच्चों के कामों में दिखाएं रुचि 

टीनेज बच्चे अक्सर ही अलग-अलग चीजों से आकर्षित होने लगते हैं. उनके गाने की चॉइस बदल जाती है, वह जो कुछ देखते हैं वो अलग होता है, कपड़ों की पसंद बदलती है और साथ ही अलग-अलग चीजों के प्रति वे उत्सुक होने लगते हैं. ऐसे में आप अपने टीनेज बच्चे की जिंदगी और नई पसंद में थोड़ी रुचि दिखा सकते हैं. इससे बच्चा आपसे बेहतर तरह से जुड़ाव महसूस करेगा और हो सकता है अपने मन की बातें भी आपसे साझा करने लगे. हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आप जबरदस्ती उसके जीवन में ना घुसें और उसे स्पेस भी दें. 

Advertisement

Featured Video Of The Day
Anmol Bishnoi Arrested: Lawrence Bishnoi का छोटे भाई अनमोल बिश्नोई US पुलिस की हिरासत में
Topics mentioned in this article