Parenting: बच्चे और माता-पिता का रिश्ता आपसी समझ और कोशिश पर टिका होता है. कई बार माता-पिता बच्चे का भला सोचकर उसे डांट देते हैं तो उसके लिए पैरेंट्स (Parents) बुरे हो जाते हैं. ऐसे में यह रिश्ता दोनों तरफ से ही अच्छा रहे और इसमें प्यार बरकरार रहे इसके लिए पैरेंट्स कुछ बातों को ध्यान में रख सकते हैं. माता-पिता ही बच्चे के साथ अपना रिश्ता बेहतर बना सकते हैं और बच्चे को बचपन से ही रिश्तों ही अहमियत सिखा सकते हैं. यहां ऐसे ही कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं जो बच्चे और माता-पिता के रिश्ते को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.
माता-पिता और बच्चे का रिश्ता इस तरह बनेगा मजबूत
दोतरफा हो बातचीतकई बार माता-पिता बच्चों से बातचीत तो करते हैं लेकिन बच्चे को बोलने का मौका नहीं मिलता और यह एकतरफा संवाद बनकर रह जाता है. ऐसे में माता-पिता को बच्चे को बोलने का मौका देना चाहिए, उसकी बात सुननी चाहिए और उसे समझना चाहिए जिससे बच्चे (Children) पैरेंट्स के सामने दिल खोलकर अपनी बात रख सके.
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बच्चे की सराहनाबच्चा कुछ अच्छा करता है या कोई काम करने की कोशिश करता है तो माता-पिता को उसकी सराहना करनी चाहिए. इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है, वह माता-पिता से अपनी तारीफ सुनकर खिलखिला उठता है और इससे बच्चे और माता-पिता के बीच एक पॉजीटिव कनेक्शन पनपता है.
माता-पिता अपने छोटे-छोटे बच्चों पर अपनी एक्सपेक्टेंशस का बोछ डालकर उसे उठने या संभलने का मौका नहीं देते. ऐसे में बच्चों में फेलियर का डर आने लगता है. पैरेंट्स को बच्चे में इस तरह के डर नहीं डालने चाहिए बल्कि उसमें विश्वास पैदा करना चाहिए, उसे समझाना चाहिए कि हार और जीत जीवन के पहलु हैं.
बच्चे के साथ समय बिताने का यह मतलब नहीं है कि आप उसे साथ लेकर बैठें और आप दोनों का ही ध्यान अपने-अपने मोबाइल या गैजेट्स वगैरह में हो. साथ समय बिताने का मतलब है साथ में वॉक पर जाना, साथ खेलना, बातें करना, पार्क घूमना, किसी बात की चर्चा करना आदि. इससे बच्चे और माता-पिता का रिश्ता (Relationship) मजबूत होता है.
बच्चा छोटा है तो जायज सी बात है उसे माता-पिता का सम्मान करना चाहिए, लेकिन सम्मान दोतरफा होता है. आपका रवैया भी बच्चे की तरफ सम्मानपूर्व होना चाहिए. आपको भी ध्यान रखना होगा कि आप ऐसा कुछ ना करें जिससे बच्चे का मनोबल टूटे और उसे ठेस लगे.