बच्चे के सामने दादा-दादी को कभी नहीं करनी चाहिए ये 5 बड़ी गलतियां, एक्सपर्ट ने बताया बिगड़ जाएगी बच्चे की आदत

Parenting Tips: कई बार दादा-दादी जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो बच्चे के व्यवहार और सोच पर बड़ा असर डाल सकती हैं. चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट श्वेता गांधी ने 5 ऐसी ही गलतियों के बारे में बताया है.

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दादा-दादी को नहीं करनी चाहिए ये गलतियां

Parenting Tips: दादा-दादी का लाड-प्यार, संस्कार, अनुभव और साथ बच्चा की परवरिश में अहम भूमिका निभाता है. हर बच्चा अपने ग्रैंड पेरेंट्स से बहुत कुछ सीखता है. वहीं, दादा-दादी भी उसे संसार की हर खुशी देना चाहते हैं. हालांकि, कई बार वे जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो बच्चे के व्यवहार और सोच पर बड़ा असर डाल सकती हैं. चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट श्वेता गांधी ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर 5 ऐसी ही गलतियों के बारे में बताया है. आइए जानते हैं इनके बारे में- 

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दादा-दादी को नहीं करनी चाहिए ये गलतियां

नंबर 1- हर बात के लिए 'हां' कहना

अक्सर दादा-दादी बच्चे की हर जिद मान लेते हैं ताकि वह खुश रहे. लेकिन इससे बच्चा सीमाएं और अनुशासन नहीं सीख पाता. अगर हमेशा 'हां' मिलेगी, तो बच्चा 'ना' सुनने की आदत खो देगा. इससे आगे चलकर उसका व्यवहार जिद्दी और असहयोगी बन सकता है.

नंबर 2- तुलना करना

बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से करना बहुत गलत आदत है. इससे बच्चे के मन में जलन और हीन भावना पैदा होती है. धीरे-धीरे उसका आत्मविश्वास कम हो जाता है. हर बच्चा अलग होता है, इसलिए तुलना करने की बजाय उसे उसकी खूबियों के लिए सराहना चाहिए.

नंबर 3- रूटीन तोड़ना

कभी-कभी दादा-दादी प्यार में बच्चे का रूटीन बिगाड़ देते हैं. जैसे- देर रात तक जगाना, जंक फूड देना या पढ़ाई के समय टीवी लगाना. इससे बच्चे की नींद, सेहत और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. 

नंबर 4- माता-पिता को नीचा दिखाना

अगर दादा-दादी बच्चे के सामने उसके माता-पिता की बुराई करते हैं या उन्हें डांटते हैं, तो इससे बच्चे के मन में माता-पिता के प्रति सम्मान कम हो जाता है.  

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नंबर 5- रिश्वत देना (Bribing)

'अगर ये काम करोगे तो टॉफी दूंगी', ऐसी बातें सुनने में आम लगती हैं, लेकिन इससे बच्चा हर काम इनाम के लिए करने लगता है. वह जरूरी चीजों को भी बिना रिवॉर्ड के नहीं करेगा. 

श्वेता गांधी कहती हैं, दादा-दादी को बच्चों को प्यार जरूर देना चाहिए लेकिन सीमाओं और नियमों का सम्मान करना भी उतना ही जरूरी है. साइकोलॉजिस्ट सलाह देती हैं कि दादा-दादी को माता-पिता के फैसलों का समर्थन करना चाहिए. जब प्यार के साथ अनुशासन और समझदारी जुड़ जाती है, तभी बच्चा समझदार बनता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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