क्या आपका बच्चा है बहुत गुस्सैल, जिद्द न पूरी होने पर चीजें लगता है फेंकने और चीखने-चिल्लाने, तो इन 4 तरीकों से करिए उसे शांत

जिद्दी बच्चों के माता-पिता के लिए हम यहां पर कुछ टिप्स बता रहे हैं जिससे बच्चे को बिना डांट-फटकार के उन्हें आसानी से शांत कराया जा सकता है.

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अगर आपका बच्चा बहुत परेशान है, तो उसे अपनी भावनाओं को काबू में करने में ज़्यादा समय लग सकता है.

Child anger control tips : एक जिद्दी बच्चे का माता-पिता होना चुनौतिपूर्ण हो सकता है. क्योंकि ऐसे बच्चे बात-बात पर नखरे दिखाते हैं और भड़क जाते हैं.  कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है की बच्चा अपनी बात मनवाने के लिए चीजें फेंकने और तोड़ने लगता है. जिसके चलते पेरेंट्स को उन्हें हैंडल करना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसे बच्चों के माता-पिता के लिए हम यहां पर कुछ टिप्स बता रहे हैं जिससे बच्चे को बिना डांट-फटकार के उन्हें आसानी से शांत कराया जा सकता है. 

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जिद्दी बच्चे को शांत करने का तरीका

बच्चा क्या कह रहा है, उसे सुनें.
  • बच्चे की भावना को पहचानें
  • अपने बच्चे को ध्यान से देखें
  • उसकी बॉडी लैंग्वेज देखें

उदाहरण के लिए, अगर आप अपने बच्चे से टीवी बंद करने और नहाने के लिए कहते हैं, तो हो सकता है कि आपका बच्चा आपकी बात अनसुनी कर दे या फिर फर्श पर लोट-पोट होकर ज़ोर-ज़ोर से शिकायत करे. इससे आपको यह संकेत मिलता है कि आपका बच्चा नाराज़ है.

इमोशंस को नाम दें

उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा फर्श पर लोट रहा है और टीवी बंद करने पर आपसे शिकायत कर रहा है, तो आप कह सकते हैं, मैं देख सकता हूं कि आप टीवी बंद करने के बारे में गुस्सा कर रहे हैं. यह बात सुनकर बच्चा शांत हो सकता है. इसे उसे तसल्ली मिलती है कि आप उसकी भावना को समझ रहे हैं. बच्चे की भावना को नाम देना जरूरी है. 

कुछ देर रुकें और कुछ न कहें

कुछ सेकंड के लिए रुकें और कुछ न कहें, इससे आपके बच्चे को आपकी कही गई बातों को समझने का समय मिल जाता है. जब आप कुछ देर चुप हो जाते हैं और कुछ नहीं कहते हैं तो फिर बच्चा शांत हो जाता है और खुद उसका समाधान निकालता है. उदाहरण के लिए, क्या मैं नहाने के बाद और टीवी देख सकता हूं?

शांत होने तक बच्चे के पास रहें

अगर आपका बच्चा बहुत परेशान है, तो उसे अपनी भावनाओं को काबू में करने में ज़्यादा समय लग सकता है. उदाहरण के लिए, वह चिल्लाता रह सकता है या शारीरिक रूप से हरकतें कर सकता है, या उसे गुस्सा आ सकता है. ऐसे में शांत रहें और अपने बच्चे के करीब रहें. इससे पता चलता है कि आप उनकी भावनाओं को समझते हैं और उन्हें संभाल सकते हैं. इससे उन्हें यह समझने में भी मदद मिलती है कि भावनाओं को हावी होने की ज़रूरत नहीं है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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