माता-पिता की इन 4 गलतियों की वजह से बच्चे बड़े होकर रहते हैं दुखी, जानिए इन Parenting Mistakes के बारे में 

Parenting Mistakes: माता-पिता की कुछ गलतियां बच्चों पर गहरा प्रभाव डालती हैं. यही बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो दुखी रहने लगते हैं. कहीं आप भी तो नहीं कर रहे बच्चे की इस तरह परवरिश. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
Why Children Become Unhappy Adults: इस वजह से बच्चे बड़े होकर दुखी दिखाई पड़ते हैं. 

Parenting Tips: हर माता-पिता की कोशिश यही रहती है कि वे अपने बच्चे की इस तरह परवरिश करें कि वो बड़ा होकर एक समझदार और सफल इंसान बने. लेकिन, अक्सर ही देखा जाता है कि चहचहाने वाले बच्चे बड़े होकर अपने में रहने वाले, गुमसुम और दुखी वयस्क (Sad Adults) बन जाते हैं. ऐसा परवरिश में हुई कुछ गलतियों के चलते हो सकता है. पैरेंट्स को यह मुश्किल ही पता चलता है कि बच्चों की परवरिश में कुछ गलती कर रहे हैं. बच्चे मासूम होते हैं और कहते हैं कि कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं जिन्हें जो आकार दो उसी में ढल जाते हैं. अगर बच्चे की परवरिश में कुछ बातों का ध्यान ना रखा जाए तो बच्चे आगे चलकर खुद को दुखी पाते हैं. ऐसे में यहां जानिए ऐसे कौनसे काम हैं या आपकी कौनसी बातें और कैसा व्यवहार है जो आपके बच्चे को बड़े होने पर एक दुखी व्यक्ति बना सकता है. 

किस समय पिएं नींबू पानी कि वजन घटने लगे तेजी से, यहां जानिए वेट लॉस सीक्रेट्स के बारे में 

खुश बच्चे को दुखी वयस्क बनाने वाली गलतियां 

पैसों की कद्र ना सिखाना 

जब आप बचपन से ही बच्चे को पैसों की कद्र करना नहीं सिखाते हैं तो उसे ना तो पैसे बचाना आ पाता है और ना ही पैसों का सही तरह से इस्तेमाल करना सीख पाता है. ऐसे में जब बड़े होकर उसके हाथ खाली हो जाते हैं या अपनी पसंद की चीजें खरीदने के लिए उसके पास पैसे नहीं होते तो वह दुखी रहने लगता है. 

यूरिक एसिड को कम करने के लिए कैसे खाते हैं मेथी, जानिए Uric Acid के असरदार घरेलू उपाय  

इमोशंस पर बात ना करना 

बच्चे को खुद से बहुत से इमोशंस को ना संभालना आ पाता है और ना ही समझना. आप माता-पिता (Parents) होने के चलते उन्हें समझाएं कि रिश्ते क्या होते हैं, कहां उसे अपने इमोशंस दिखाने हैं, किन लोगों से मन की बातें कहनी चाहिए और किन्हें जिन्दगी में ना रखने में भलाई है वगैरह. जब बच्चे अलग-अलग इमोशंस को समझते हैं, नेगेटिव और पॉजिटिव लोगों में फर्क करना सीखते हैं तो इमोशनली अनअवेलेबल नहीं रहते या ऑवर इमोशनल नहीं होते. ये बातें दुख की बड़ी वजह बनती हैं. 

Advertisement
जरूरत से ज्यादा दबाव

बच्चे पर जब जरूरत से दबाव डाला जाए, चाहे वो पढ़ाई का हो, खेलों में अच्छा करके दिखाने का या फिर जीवन का कोई भी पहलू हो तो बच्चा अपनी जिंदगी जीने से ज्यादा अपने माता-पिता की अपेक्षाओं की पूर्ति में लग जाता है. कई बार बच्चे कॉलेज में दोस्त तक नहीं बना पाते और जिंदगीभर एक सच्चा दोस्त तलाशते रहते हैं. 

Advertisement
जरूरत से ज्यादा लाड़-प्यार 

बच्चों को जरूरत से ज्यादा लाड़-प्यार दिया जाए तो कहते हैं वो बिगड़ जाते हैं. लेकिन, लाड़-प्यार का सिर्फ यही नुकसान नहीं है. बच्चे को जरूरत से ज्यादा पैंपर (Pamper) करके पालने पर वह बड़ा होता है तो यही चाहता है कि उसके एक बार कहने पर दुनिया उसके कदमों में आ जाए. जब ऐसा नहीं हो पाता तो वह दुखी रहने लगता है और दुनिया की सच्चाई उसे निराश कर देती है. 

Advertisement

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Ajit Doval China Visit: चीन में अजित डोभाल की कई अहम बैठकों का निकला क्या नतीजा | NDTV Duniya
Topics mentioned in this article