Parenting: माता-पिता की अक्सर ही यह इच्छा होती है कि वे अपने बच्चों को हर वो काम सिखाएं जो उनके वृद्धि और विकास में सहायक साबित हों. लेकिन, अक्सर ही बेटे और बेटियों की अलग-अलग स्किल्स पर ध्यान दिया जाता है जबकि दोनों को ही बेसिक सर्वाइवल स्किल्स (Survival Skills) बराबरी से सिखाई जानी चाहिए. यहां ऐसे ही कुछ काम बताए जा रहे हैं जो बेटों को जरूर सिखाने चाहिए. ये काम बेटों (Sons) को सर्वाइवल में मदद करते हैं, उनके विकास में बड़ी भूमिका निभाते हैं, अपनी मां या बहन पर से उनकी निर्भरता हटाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हैं. साथ ही, इन कामों के प्रति वे आगे चलकर कभी भी नाक नहीं सिंकोड़ते हैं.
बेटे को जरूर सिखानी चाहिए ये लाइफ स्किल्स
बिस्तर बनानाबेटों को अपना खुद का बिस्तर बनाना आना चाहिए. यह एक बेसिक काम है लेकिन बेहद जरूरी भी है. जिन लड़कों को बिस्तर बनाना नहीं आता है उन्हें लगता है कि उनके लिए कोई ना कोई बिस्तर बना ही देगा, लेकिन खुद का बिस्तर समेटकर रखना जरूरी होता है.
अपने कमरे की सफाई, अपने स्टडी टेबल की सफाई, जहां बैठकर खाना खाया है उस जगह की सफाई (Cleaning) और बाथरूम की सफाई करना बेटों को आना चाहिए. यह काम बेटियों से तो करवाएं ही जाते हैं लेकिन बेटों को भी ये काम सिखाए और उनसे करवाए जाने जरूरी हैं.
अक्सर घर के बड़ों को कहते सुना जाता है कि बेटा है बर्तन क्यों धोएगा या फिर घर के लड़के बर्तन नहीं धोते. लेकिन, सवाल यह होना चाहिए कि बर्तन क्यों नहीं धोते या क्यों नहीं धोने चाहिए. यह एक लाइफ स्किल (Life Skill) है जो सभी को आनी चाहिए. इसीलिए बचपन से ही बेटों को बर्तन धोने भी सिखाए जाने चाहिए.
छोटे बेटों को तो जायजतौर पर घर का खाना बनाने के लिए नहीं कहा जा सकता, लेकिन सब्जियां धोने, सब्जियां काटकर देने या सब्जियों को फ्रिज में लगाने जैसे कामों से शुरूआत की जा सकती है. बड़े होते-होते बेटे खाना बनाना सीखेंगे तो जिंदगी में कभी उनके लिए खाना बनाना ऐसा काम नहीं होगा जो वह नहीं कर सकते.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.