बच्चे को कभी नहीं देनी चाहिए ये 3 Punishment, पैरेंटिंग कोच ने बताया उल्टा हो सकता है असर

Parenting Tips: पैरेंटिंग कोच बताती हैं, कई बार माता-पिता अपने बच्चों को गुस्से में ऐसी सजा दे देते हैं, जिनका मासूम पर उल्टा असर पड़ता है. खासकर 3 चीजें करने से बच्चे की सोच और भावनाओं पर गहरा असर पड़ता है. आइए जानते हैं इसके बारे में-

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गलती पर बच्चे को कभी नहीं दनी चाहिए ये 3 सजा

Parenting Tips: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छा व्यवहार करे और सही-गलत को समझे. हालांकि, बच्चे चीजें धीरे-धीरे सीखते हैं. कई बार वे कुछ छोटी-बड़ी गलतियां भी कर जाते हैं, जिसपर गुस्सा या परेशान होकर पैरेंट्स उन्हें सजा दे देते हैं. इसी विषय पर पैरेंटिंग कोच रेनू गिरधर ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में वे बताती हैं, कई बार माता-पिता अपने बच्चों को गुस्से में ऐसी सजा दे देते हैं, जिनका मासूम पर उल्टा असर पड़ता है. खासकर 3 चीजें करने से बच्चे की सोच और भावनाओं पर गहरा असर पड़ता है. पैरेंटिंग कोच ने 3 ऐसी ही सजाओं के बारे में बताया है. आइए जानते हैं इसके बारे में- 

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बच्चों को कभी नहीं देनी चाहिए ये 3 सजा 

नंबर 1- गलती पर बच्चे को कमरे या बाथरूम में बंद करना

रेनू गिरधर के अनुसार, बच्चे को कमरे या बाथरूम में बंद करना बहुत नुकसानदायक हो सकता है. ऐसा करने से बच्चे के मन में डर बैठ जाता है. वह अकेले रहने, अंधेरे में जाने या बंद जगह में जाने से डरने लगता है.
धीरे-धीरे यह डर उसकी सोच का हिस्सा बन जाता है और वह खुद को असुरक्षित महसूस करने लगता है. 

नंबर 2- थप्पड़ मारना

थप्पड़ या किसी भी तरह की मार बच्चे को अनुशासित नहीं बनाती, बल्कि उसे डरपोक और चालाक बना सकती है. मार के डर से बच्चा अपनी गलतियां छिपाने लगता है. रेनू गिरधर बताती हैं, जब बच्चे को मार पड़ने का डर होता है, तो वह बड़ी गलती होने पर भी माता-पिता को सच नहीं बताता. इससे माता-पिता और बच्चे के बीच भरोसा कमजोर हो जाता है.

नंबर 3- बच्चे से बात करना बंद कर देना

कई बार माता-पिता नाराज होकर बच्चे से बात करना बंद कर देते हैं. यह सजा बाहर से भले ही शांत लगे, लेकिन अंदर से बच्चे को बहुत नुकसान पहुंचाती है. इससे बच्चे का आत्मविश्वास टूट जाता है और वह खुद को अनदेखा महसूस करता है. बच्चा सोचने लगता है कि वह प्यार के लायक नहीं है. लंबे समय तक ऐसा होने पर बच्चे में भावनात्मक दूरी और असुरक्षा पैदा हो सकती है.

फिर सजा की जगह क्या करें?
  • बच्चे से उसकी गलती पर शांत तरीके से बात करें.
  • उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें.
  • सही व्यवहार सिखाने के लिए पॉजिटिव डिसिप्लिन अपनाएं.
  • बच्चे को यह महसूस कराएं कि गलती पर नाराजगी हो सकती है, लेकिन प्यार कम नहीं होगा.

पैरेंटिंग कोच रेनू गिरधर के अनुसार, बच्चे को डर, मार या चुप्पी की सजा देना उसकी मानसिक सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. उन्हें सुधारने और चीजें सीखाने का सबसे अच्छा तरीका है प्यार, बातचीत और समझदारी. ऐसे में सही तरीका अपनाएं. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
 

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