ट्यूशन नहीं जाना चाहता था बच्‍चा, मां ने डांटा तो कूदा बालकनी से, साइकेट्रिस्ट से समझ‍िए माता-प‍िता को कैसे करना चाह‍िए डील

Parenting Tips: एक 14 वर्षीय लड़के ने इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली. वजह सिर्फ इतनी थी कि उसकी मां ने उसे ट्यूशन जाने के लिए कहा था. आइए साइकेट्रिस्ट से जानते हैं माता-प‍िता इस तरह की सिचुएशन को कैसे डील करें.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
इन बातों को न करें नजरअंदाज

Parenting Tips: मुंबई के कांदिवली इलाके से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां एक 14 वर्षीय लड़के ने इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली. वजह सिर्फ इतनी थी कि उसकी मां ने उसे ट्यूशन जाने के लिए कहा था. जानकारी के मुताबिक, लड़का ट्यूशन नहीं जाना चाहता था, लेकिन मां के जोर देने पर वह नाराज होकर घर से बाहर निकला गया. कुछ ही देर बाद वॉचमैन ने बताया कि वह इमारत से कूद गया है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर एक बच्चा सिर्फ ट्यूशन जाने की बात पर इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकता है?

IV Therapy क्या होती है, जिससे तुरंत बढ़ जाता है चेहरे पर निखार? जानें कितनी होती है एक इंजक्शन की कीमत

मामले को लेकर NDTV संग हुई खास बातचीत के दौरान यथार्थ हॉस्पिटल, नोएडा के साइकेट्रिस्ट और मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट (Psychiatrist, Mental Health Expert) डॉ. मधुर राठी ने बताया, ऐसा अचानक नहीं होता है बल्कि ये लंबे समय से जमा हो रही मानसिक पीड़ा और दबाव का नतीजा होता है. बच्चे अगर लंबे समय से डिप्रेशन या एंग्जायटी में हों, तो छोटी सी बात भी उन्हें असहनीय लग सकती है लेकिन परिवार को इसका अंदाजा तक नहीं होता है.

Advertisement

इन बातों को न करें नजरअंदाज 

डॉ. राठी बताते हैं, अगर बच्चा पहले की तरह काम नहीं कर पा रहा है, पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहा है, छोटी-छोटी बातों पर रो देता है, चिड़चिड़पन रहता है, अपने-अपने में रहता है और दोस्तों के साथ खेलने नहीं जाता है, साथ ही हर वक्त थकान की शिकायत करता है, तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें. अक्सर माता-पिता इन संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं या बच्चों के व्यवहार को 'नाटक' समझ लेते हैं. जबकि बच्चों का ये गुस्सा, चिड़चिड़ापन और जिद कई बार मानसिक समस्या का इशारा होती है. 

Advertisement
ऐसी सिचुएशन में क्या करें?

इस सवाल का जवाब देते हुए साइकेट्रिस्ट बताते हैं, अगर बच्चा ट्यूशन या स्कूल नहीं जाना चाहता, तो उसे डाटने या मारने की जगह पहले उससे बात करें. ये जानने की कोशिश करें कि आखिर वो क्यों मना कर रहा है. क्या उसे कोई डर है? क्या वह पढ़ाई के दबाव में है? या कोई और वजह है. अगर बच्चा आपको चीजें नहीं बता रहो हो और लगातार परेशान या गुस्सैल नजर आ रहा हो, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेने में हिचकिचाना नहीं चाहिए.

Advertisement
जरूरत से ज्यादा लाड़-प्यार भी नुकसानदेह

वहीं, इन बातों से अलग डॉक्टर बताते हैं, जहां एक तरफ सख्ती नुकसान पहुंचा सकती है, वहीं जरूरत से ज्यादा पैंपरिंग या लाड़-प्यार भी बच्चों की मानसिक मजबूती को कमजोर कर सकती है. 

Advertisement

डॉ. मधुर राठी बताते हैं, कई बार माता-पिता बच्चों की हर जरूरत बिना सवाल उठाए पूरी करते रहते हैं, उन्हें कोई ना नहीं सुननी पड़ती. ऐसे बच्चे जब थोड़ी-सी भी नकारात्मक प्रतिक्रिया का सामना करते हैं, तो वे सहन नहीं कर पाते और गुस्से या निराशा में बड़ा कदम उठा लेते हैं. इसलिए बच्चों को हर समय बचाने या उन्हें हर चीज तुरंत देने की बजाय, ना स्वीकार करना, इंतजार करना और असुविधा झेलना सिखाना भी जरूरी है.

समाधान क्या है?
  • इसके लिए डॉक्टर सबसे पहले बच्चों से खुलकर बात करने की सलाह देते हैं. सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, उनकी भावनाओं के बारे में भी पूछें.
  • उन्हें यह एहसास कराएं कि वे जो भी महसूस कर रहे हैं, वह गलत नहीं है और उन्हें आप समझते हैं.
  • हर बात में 'हां' कहना बच्चे को कमजोर बनाता है, उन्हें ना सुनना और सहना भी आना चाहिए. इसके लिए शुरू से ही बच्चे को सही और गलत चीजों में फर्क समझाएं.
  • बार-बार गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन या अकेलापन किसी मानसिक परेशानी के संकेत हो सकते हैं. अगर कोई बदलाव लगातार दिखे, तो तुरंत साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर से सलाह लें.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Featured Video Of The Day
Maharashtra: Nagpur से Goa को जोड़ने वाले शक्तिपीठ मार्ग का क्यों हो रहा विरोध? | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article