High Rise Building Rooftop Red Lights: क्या आपने शहर की हाई राइज बिल्डिंगों यानी ऊंची-ऊंची इमारतों पर जलती लाल लाइट्स पर गौर किया है. क्या आप जानते हैं कि ये लाल बत्तियां लगातार क्यों जलती रहती हैं? कई लोगों को यह सिर्फ डेकोरेशन या स्टाइल लगती हैं, लेकिन सच ये है कि इसके पीछे एक बड़ा मकसद होता है. इस आर्टिकल में जानिए ये लाल लाइट्स क्यों जलती हैं, अगर इन्हें न लगाया जाए तो क्या हो जाएगा और इनकी इंपॉर्टेंस क्या हैं.
हाई राइज बिल्डिगों पर क्यों लगाई जाती हैं लाल लाइट्स
लंबी-ऊंची इमारतें जैसे शॉपिंग मॉल, ऑफिस टावर या रेसिडेंशियल हाई-राइज पर लाल लाइट्स सेफ्टी पर्पज से लगाई जाती हैं. ये आसमान में उड़ते फ्लाइट्स के लिए लगाई जाती हैं. लाल लाइट्स का काम हेलीकॉप्टर और फ्लाइट्स को बिल्डिंग की हाईट्स यानी ऊंचाई का संकेत देना है. दिन के समय बिल्डिंग साफ नजर आती हैं लेकिन रात में इनकी ऊंचाई का अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो जाता है. इसलिए लाल बत्तियों से इमारत की आउटलाइन क्लियर होती हैं. ये लाइट्स खासकर धुंध, बारिश या तूफानी मौसम में बड़े काम आती हैं.
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हाई राइज बिल्डिगों पर लाल लाइट्स लगाने का नियम
DGCA (Directorate General of Civil Aviation) के नियमों के अनुसार, 150 फीट यानी करीब 45 मीटर से ऊंची सभी बिल्डिंग्स पर रात में रेड लाइट लगाना अनिवार्य है. इससे पायलटों को रात में सुरक्षित उड़ान में मदद मिलती है और हादसों की आशंका कम होती है. आजकल ड्रोन्स और हवाई डिलीवरी सर्विसेज तेजी से बढ़ रही हैं. रेड लाइट पायलट और ड्रोन ऑपरेटर को अलर्ट भी करती हैं कि यह क्षेत्र हवाई यात्रा के लिए संवेदनशील है.
नियम और सर्टिफिकेशन के लिए जरूरी
जब भी कोई हाई राइज बिल्डिंग बनाई जाती है या उसे स्टार्ट किया जाता है तो इस दौरान सिविल एविएशन रूल्स का पालन करना अनिवार्य होता है. अगर रेड लाइट नहीं होगी तो बिल्डिंग को न सिर्फ फाइन या पेनाल्टी का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि उसे सर्टिफिकेशन भी नहीं मिलेगा. कई बार लाल बत्तियां सेफ्टी और अलर्ट साइन भी होती हैं. किसी भी निर्माण स्थल या ऊंची इमारत पर यह लाइट चेतावनी देती है कि यह क्षेत्र हवाई और जमीन दोनों सुरक्षा के लिए नियंत्रित है.