अपने नाम के साथ बिहारी क्यों लगाते थे अटल जी? जान लीजिए वजह

तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था. अटल जी अक्सर अपने नाम के पीछे बिहारी लगाया करते थे. एक बार जब उनसे पूछा गया कि आखिर क्यों वो बिहारी शब्द अपने नाम के पीछ लगाते हैं. तो उन्होंने इसका दिलचस्प जवाब दिया.

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अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को नई दिल्ली में हुआ था.

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 101वीं जयंती है. तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 में ग्वालियर में हुआ था. अटल जी अपने नाम के पीछे बिहारी लगाया करते थे. ऐसा करने के पीछे उनकी एक खास वजह थी. जब एक पत्रकार ने उसने पूछा कि आप अपने नाम के पीछे बिहारी क्यों लगाते हैं? तो इस सवाल का बेहद ही दिलचस्प जवाब उन्होंने दिया. अटल जी ने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं अटल भी हूं और बिहारी भी हूं. जहां पर अटल होने की आवश्यकता है, वहां अटल हूं और जहां बिहारी होने की जरूरत है वहां बिहारी हूं.

आखिर नाम के पीछे क्यों लगाते थे बिहारी?

बिहार से अटल जी का एक अलग तरह का ही नाता हुआ करता था. जब भी अटल जी बिहार के दौरे पर जाते थे, तो ये जरूर कहते थे कि हम बिहारी भी हैं क्याेंकि हम अटल बिहारी हैं. अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को नई दिल्ली में हुआ था. उनकी जयंती को सरकार ‘सुशासन दिवस' के रूप में मनाती है.

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लखनऊ दौरे पर रहेंगे. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री दोपहर करीब 2:30 बजे 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' का उद्घाटन करेंगे.
'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' को एक भव्य राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित किया गया है. लगभग 230 करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह परिसर 65 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है.

इस परिसर की सबसे बड़ी खासियत यहां स्थापित 65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं हैं. इनमें डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाएं शामिल हैं. ये प्रतिमाएं भारतीय राजनीति, विचारधारा और राष्ट्र निर्माण में इन महान नेताओं के योगदान का प्रतीक हैं.

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