First Commonwealth Games medal: बात जब कॉमनवेल्थ गेम्स की आती है तो पहलवान राशिद अनवर को याद जरूर किया जाता है. देश को कॉमनवेल्थ गेम्स का सबसे पहला मेंडल उन्होंने ही दिलाया था. साल 1934 में लंदन में आयोजित दूसरे कॉमनवेल्थ गेम्स में कास्य का पदक जीता था. ये बात 1934 की है. उनका नाम आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज किया गया है. चलिए जानते हैं उनके बारे में. राशिद अनवर का जन्म 12 अप्रैल 1910 को हुआ था.
पहलवानी से पहले वह शुरुआत में भारतीय रेलवे में नौकरी करते थे और उनकी पोस्टिंग लखनऊ में थी. अपनी नौकरी के साथ-साथ उन्होंने कुश्ती के प्रति अपने जुनून को भी जारी रखा. उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, वह कुश्ती की वेल्टरवेट कैटेगरी में 8 बार से अधिक नेशनल चैंपियन रहे थे.
पहली बार भारत ने लिया था हिस्सा
भारत ने पहली बार 1934 के 'ब्रिटिश एम्पायर गेम्स' में हिस्सा लिया था, जहां देश का प्रतिनिधित्व सिर्फ 6 एथलीटों ने किया था. इसमें राशिद अनवर ने पुरुषों की 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती इवेंट में कांस्य पदक (Bronze Medal) मेडल जीता था.इसी के साथ ने कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे.
राशिद अनवर को के डी जाधव से पहले भारतीय कुश्ती का सितारा माना जाता है. उन्होंने भारत को विश्व कुश्ती के मानचित्र पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन समय के साथ उनकी कहानी गुमनाम हो गई. उनका निधन 1983 में 72-73 वर्ष की आयु में ग्रेट लंदन के कैमडेन में हुआ.
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