प्लेन और ट्रेन की तो पता होगी, लेकिन बस में कौन सी सीट होती है सबसे ज्यादा सेफ

क्या बस में भी कोई “सबसे सुरक्षित सीट” होती है? आइए इसे जानने की कोशिश करते हैं. हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं की अगर आप उस सीट पर बैठेंगे तो आप पूरी तरह सुरक्षित हैं. लेकिन सेफ्टी के लिहाज से कुछ सीटों के सेफ माना गया है.

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नई दिल्ली:

प्लेन और ट्रेन में सुरक्षित सीट को लेकर लोग अक्सर चर्चा करते हैं, लेकिन बस में सफर करने वालों के मन में भी यही सवाल रहता है कि आखिर कौन सी सीट सबसे ज्यादा सेफ होती है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या बस में भी कोई “सबसे सुरक्षित सीट” होती है? आइए इसे जानने की कोशिश करते हैं.

बस की सबसे सुरक्षित सीट कौन सी?

रोड सेफ्टी पर काम करने वाले एक्सपर्ट की मानें तो बस में सबसे सुरक्षित सीट बस के बीच वाले हिस्से में मानी जाती है. बस के बिल्कुल आगे के हिस्से की सीटें जो ड्राइवर के एकदम नजदीक होती हैं और बस के बिल्कुल पिछले हिस्से की सीटों की तुलना में बीच की सीटों को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. वजह साफ है. ज्यादातर एक्सीडेंट फ्रंट या रियर टक्कर के होते हैं. ऐसे में बस का बीच वाला हिस्सा टक्कर की सीधी मार से कुछ हद तक बचा रहता है.

किसी भी दुर्घटना की स्थिति में बस के अगले हिस्से में बैठने वालों को फ्रंटल क्रैश में ज्यादा चोट लगने का खतरा होता है. वहीं पीछे की सीटों पर बैठने वाले यात्रियों को रियर एंड टक्कर या बस के पलटने की स्थिति में ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है. यही वजह है कि बीच के हिस्से की सीटों को तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित मानते हैं.

खिड़की वाली सीट को लेकर भी एक अहम बात सामने आती है. एक्सीडेंट के दौरान कांच टूटने या बस के साइड से टकराने की स्थिति में खिड़की के पास बैठे यात्रियों को ज्यादा चोट लग सकती है. इसलिए कई रिपोर्ट्स में aisle यानी अंदर वाली सीट को खिड़की वाली सीट से थोड़ा ज्यादा सुरक्षित बताया गया है.

सीट बेल्ट हो तो अधिक सुरक्षित

सीट बेल्ट का मामला भी उतना ही अहम है. जिन बसों में सीट बेल्ट की सुविधा होती है, वहां बेल्ट लगाने से गंभीर चोट का खतरा काफी कम हो जाता है. सीट बेल्ट न होने या न लगाने की स्थिति में यात्री सीट से उछल सकते हैं, जिससे सिर और रीढ़ की हड्डी को गंभीर नुकसान हो सकता है.

नाइट बस या लंबी दूरी की यात्रा में एक्सपर्ट्स एक और सलाह देते हैं. इमरजेंसी एग्जिट के बेहद पास बैठना हर बार सही नहीं माना जाता, लेकिन उस रास्ते का अंदाजा होना जरूरी है. आग या पलटने जैसी स्थिति में जल्दी बाहर निकलना जान बचा सकता है.

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कुल मिलाकर, सेफ्टी स्टडीज़ के आधार पर यही निष्कर्ष निकलता है कि बस में सफर करते समय बीच की सीट, खासकर अंदर की ओर वाली सीट, अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है. इसके साथ ही सीट बेल्ट का इस्तेमाल, ड्राइवर की ड्राइविंग स्किल और बस की हालत भी आपकी सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभाती है.

यानी बस में सफर सिर्फ किस्मत के भरोसे नहीं होता. सही सीट का चुनाव कई बार जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है.

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