Airport Divorce: क्या होता है एयरपोर्ट डिवोर्स? जानें क्यों ट्रेंड में है तलाक का ये नया तरीका

Airport Divorce: एयरपोर्ट डिवोर्स एक नया ट्रेंड है, जिसमें कपल्स एयरपोर्ट पर अलग हो जाते हैं. इसे रिश्ते मजबूत बनाने और वेकेशन की शुरुआत खुशहाल बनाने का तरीका बताया जा रहा है.

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Airport Divorce: डिवोर्स का नया ट्रेंड

Airport Divorce: हर पार्टनर में झगड़े होना काफी कॉमन है. शादीशुदा जिंदगी में तो हर कपल के बीच प्यार-तकरार देखने को मिलता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दिनों सबसे ज्यादा झगड़े एयरपोर्ट पर शुरू होते हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि रिपोर्ट कहते हैं. ट्रिप की तैयारी, टिकट, बैग पैक और टाइम की टेंशन जैसे सभी छोटे-छोटे मसले बड़े विवाद में बदल जाते हैं. किसी को जल्दी पहुंचना होता है, किसी को देर होती है. कोई शॉपिंग में समय बिताना चाहता है, तो कोई लाउंज में आराम फरमाना चाहता है. ऐसे में छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई होना आम है. ऐसे झगड़े कई बार पूरे ट्रिप का मूड खराब कर देते हैं. इसी समस्या का हल लेकर आया है एक मजेदार तरीका एयरपोर्ट डिवोर्स. आइए जानते हैं एयरपोर्ट डिवोर्स क्या होता है और यह ट्रेंड में क्यों है.

एयरपोर्ट डिवोर्स क्या है

एयरपोर्ट डिवोर्स असली तलाक नहीं है. इसे समझें जैसे एयरपोर्ट पर थोड़ी देर के लिए अलग होना है. इसमें पति-पत्नी या पार्टनर एयरपोर्ट पर अपनी-अपनी एक्टिविटीज करते हैं और फिर बोर्डिंग के समय फिर से मिलते हैं. यह तुरंत झगड़े कम करने और तनाव घटाने के लिए है. कोई कानूनी या कोर्ट की प्रक्रिया इसमें नहीं होती है. सिर्फ एयरपोर्ट में थोड़ी दूरी और स्पेस लेने की टेक्नीक है.

एयरपोर्ट डिवोर्स की शुरुआत कैसे हुई

ब्रिटिश ट्रैवल जर्नलिस्ट ह्यू ओलिवर ने यह टर्म दिया और इसे सबसे पहले अपनाया. उनका कहना है कि एयरपोर्ट पर अलग होना छोटे झगड़ों को रोकने और ट्रिप को मज़ेदार बनाने का तरीका है. ह्यू ओलिवर ने बताया कि यह तरीका उनके और उनकी फियांसे के लिए बहुत कारगर साबित हुआ. सिक्योरिटी के बाद वे थोड़ी देर के लिए अलग हो जाते हैं. कुछ लाउंज में आराम करते हैं, कुछ शॉपिंग और खाना-पीना एंजॉय करते हैं, फिर बोर्डिंग टाइम पर फिर मिलते हैं और ट्रिप शुरू होती है. इस छोटे-से ब्रेक से तनाव कम होता है और रिश्ते मजबूत रहते हैं.

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एयरपोर्ट डिवोर्स कैसे काम करता है

1. सबसे पहले दोनों पार्टनर तय करें कि एयरपोर्ट पर थोड़ी दूरी अलग रहेंगे.
2. कागजी प्रक्रिया की जरूरत नहीं, क्योंकि यह कोर्ट या कानून से जुड़ा नहीं है.
3. अपनी पसंद की एक्टिविटी करें, जैसे खाना-पीना, शॉपिंग या लाउंज में आराम.
4. बोर्डिंग से पहले मिलकर प्लेन में सफर शुरू करना.
5. इस तरह, छोटे झगड़े कम होते हैं और ट्रिप मजेदार बनती है.

एयरपोर्ट डिवोर्स क्यों बन गया ट्रेंड

1. एयरपोर्ट पर अलग होने से छोटी-छोटी बातों पर बहस नहीं होती है.
2. वेकेशन की शुरुआत खुशहाल होती है. अलग होकर समय बिताने से बोर्डिंग पर मिलकर सफर का मज़ा दोगुना हो जाता है.
3. एयरपोर्ट पर भीड़ और टाइमिंग के स्ट्रेस को कम करने का आसान तरीका है.
4. थोड़ी दूरी लेने से पार्टनर को स्पेस मिलता है, प्यार बढ़ता है और रिलेशन मजबूत बनता है.

एयरपोर्ट डिवोर्स कब ट्राई करना चाहिए

1. जब दोनों पार्टनर सहमति में हों.
2. जब ट्रिप में छोटे झगड़े होने की आशंका हो.
3. जब आप चाहते हैं कि ट्रिप आरामदायक और मजेदार रहे.

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