ट्रेन से बेडशीट या कंबल चुराने पर क्या मिलती है सजा? जान लीजिए जवाब

Railway Rules: ट्रेन में यात्रियों के लिए कई तरह की सुविधाएं होती हैं, जिनमें एसी कोच में सफर करने वालों को बेडशीट और बाकी चीजें दी जाती हैं. कई लोग इन्हें बैग में रखकर घर ले आते हैं.

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ट्रेन से तकिया या बेडशीट चुराने की मिलती है सख्त सजा

भारत में रोजाना लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. ये ट्रांसपोर्टेशन का सबसे आसान और सस्ता जरिया है. कोई जनरल कोच में यात्रा करता है तो कोई एसी वाले डिब्बे में अपनी सीट रिजर्व करवाता है. एसी कोच में अगर आपने सफर किया है तो आपको भी इस दौरान चादर और कंबल जरूर मिला होगा. रेलवे की तरफ से टिकट के साथ ही ये मुफ्त सुविधा यात्रियों को दी जाती है. हालांकि कुछ यात्री इसका फायदा उठाकर ये चीजें अपने बैग में रख लेते हैं और घर ले जाते हैं. अगर आप भी ऐसा करने की सोच रहे हैं तो जरा पहले ऐसा करने की सजा जान लीजिए. 

रेलवे देता है सुविधा

भारतीय रेलवे की तरफ से सफर के दौरान एसी कोच में यात्रियों को चादर, कंबल और तकिया दिया जाता है. ठंड लगने पर लोग कंबल ओढ़ लेते हैं और बेडशीट बिछाकर लंबे सफर में आराम करते हैं. जो लोग इन चीजों की चोरी करते हैं, उनके लिए रेलवे की तरफ से सख्त नियम बनाए गए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान भी रखा गया है.

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क्या है सजा का प्रावधान?

अगर कोई ट्रेन में यात्रा के बाद चादर या फिर कंबल अपने साथ लेकर जाता है तो रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966 के तहत उसे सजा हो सकती है या फिर जुर्माना लगाया जा सकता है. पहली बार ट्रेन से सामान चुराने पर एक साल तक की जेल या फिर एक हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं अगर दूसरी बार ट्रेन से सामान चोरी करते हुए पकड़े गए तो सजा पांच साल तक हो सकती है और भारी जुर्माना भी वसूला जा सकता है.

एक साल में कितनी चोरी?

साल 2018 में रेलवे में होने वाली इस चोरी को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बताया गया था कि एक साल में करीब दो लाख तौलिए, सात हजार कंबल और 81 हजार बेडशीट चोरी हो गईं. ऐसी ही घटनाओं को देखते हुए चेकिंग और ज्यादा होने लगी और सख्ती बरती गई. 

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