Diamond Hunting: मानसून में बारिश या फिर ओले पड़ते हुए तो आपने देखा और सुना होगा, लेकिन क्या आपने मानसून में निकलने वाले बेशकीमती हीरों के बारे में सुना है? भारत में एक ऐसी जगह है, जहां मानसून में कई कीमती हीरे निकलते हैं और ये कई लोगों की किस्मत बदलने का भी काम करते हैं. आइए आपको पूरी कहानी समझाते हैं और बताते हैं कि कैसे ये हीरों की बारिश होती है.
अब आप सोच रहे होंगे कि हीरों की बारिश का मतलब आसमान से हीरे बरसना है, लेकिन ऐसा नहीं है. दरअसल बारिश तो वही आम होती है, लेकिन इसे हीरों की बारिश इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसके जमीन पर पड़ते ही हीरे निकलने लगते हैं. कई लोग इसे हीरों का उगना भी कहते हैं.
कहां उगते हैं ये हीरे?
आंध्र प्रदेश में अनंतपुर जिले के वजराकरूर इलाके में हर साल बारिश होते ही लोग खेतों और मैदानों की तरफ भागने लगते हैं. यहां लोग ट्रैक्टर से लेकर स्कूटर और बसों से आते हैं. बच्चों से लेकर बूढ़े तक जमीन में हाथ फेरने लगते हैं और इनमें से कुछ के हाथ उनकी किस्मत लग जाती है. दरअसल यहां जमीन से पत्थरों के साथ हीरे निकलते हैं, कई बार ये हीरे काफी कीमती होते हैं.
- जुलाई की पहली बारिश के बाद इस इलाके के लोग हीरे तलाशने के लिए निकल जाते हैं.
- यहां मिलने वाले हीरों की कीमत एक लाख रुपये से लेकर 50 लाख तक होती है.
- पड़ोसी राज्यों के लोग भी बड़ी संख्या में यहां आते हैं और अपनी किस्मत की तलाश में लग जाते हैं.
- लोग यहां से अलग और चमकीले दिखने वाले पत्थरों को अपने पास रख लेते हैं, जिसके बाद उसकी जांच करवाने ले जाते हैं.
लोगों को खींच लाती हैं कहानियां
यहां हीरे मिलने की चाह में आने वाले ज्यादातर लोग इससे जुड़ी कहानियां सुनकर आते हैं. यहां हीरे मिलने की कई दिलचस्प कहानियां हैं, जिनमें अचानक किसी को कोई बेशकीमती हीरा मिल गया और उसकी किस्मत खुल गई. यहां करोड़ों के हीरे भी मिल चुके हैं.
बारिश होते ही कैसे निकलते हैं हीरे?
अब जिन लोगों को ये खबर पहली बार मिल रही है, उनके लिए ये जानना काफी दिलचस्प है कि बारिश होते ही आखिर हीरे जमीन के अंदर से कैसे बाहर आ जाते हैं. जब मानसून में तेज बारिश होती है तो ऊपर की मिट्टी वाली सतह पानी के साथ बहने लगती है, जिससे पत्थर बाहर निकलने लगते हैं. इन्हीं पत्थरों के साथ कुछ छोटे हीरे भी होते हैं, जिनकी तलाश में लोग यहां पहुंचते हैं. इनके यहां पाए जाने को लेकर सबके पास अपनी अलग कहानी है, कुछ लोगों का कहना है कि यहां हीरे की खदान हुआ करती थी. वहीं कुछ लोग इसे राजा महाराजाओं के जमाने का खजाना बताते हैं, जो युद्ध और आपदा के चलते यहीं दबकर रह गया.