Queensland Lightning Strikes: ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे पांचवें और आखिरी टी-20 मुकाबले को अचानक रोक दिया गया. इसकी वजह तेज बिजली कड़कने को बताया गया, हालांकि इसके कुछ देर बाद ही बारिश शुरू हो गई. बिजली गिरने के खतरे के देखते हुए स्टेडियम के निचले वाले स्टैंड को खाली करवा दिया गया. ये सिर्फ ऐहतियातन नहीं किया गया, बल्कि क्वींसलैंड के मौसम को देखते हुए ऐसा हुआ. आइए जानते हैं कि क्वींसलैंड में बिजली गिरने का कितना खतरा होता है.
इस साल लाखों केस
ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में इस साल बिजली गिरने के कुछ नहीं बल्कि लाखों मामले सामने आ चुके हैं. यही वजह है कि जैसे ही मौसम खराब हुआ और बिजली कड़कने लगी तो भारत-ऑस्ट्रेलिया के मैच को रोक दिया गया और तुरंत खिलाड़ियों को मैदान से बाहर जाने के लिए कहा गया. एक महीने पहले यहां एक फुटबॉल प्लेयर की भी बिजली गिरने से मौत हो गई थी, तब वो प्रैक्टिस कर रहा था. इसके अलावा कई लोगों को इसकी वजह से अस्पताल में भर्ती भी करवाया गया.
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पिछले साल आए इतने मामले
एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ ईस्ट क्वींसलैंड में पिछले साल यानी 2024 में सिर्फ तीन हफ्ते में ही 3.5 मिलियन से ज्यादा बिजली गिरने के मामले सामने आए, इनमें से ज्यादातर मामूली थे, लेकिन इन्हें दर्ज किया गया. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि क्वींसलैंड में एक ही दिन में बिजली गिरने के हजारों मामले सामने आ सकते हैं. हर साल इसके चलते कई लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं और कुछ लोगों की मौत भी होती है.
किसे कहते हैं बिजली गिरना?
बादलों में पानी की बूंदों और बर्फ के छोटे कणों के टकराने से बिजली पैदा होती है. बादलों में ज्यादा घर्षण होने के चलते पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज बनता है. जब नेगेटिव चार्ज ज्यादा हो जाता है तो ये बिजली के तौर पर नीचे आकर गिरती है. इससे तेज रोशनी और आवाज पैदा होती है. इसकी चपेट में आने से इंसान की मौत भी हो सकती है. ये मांसपेशियों को तुरंत सिकोड़ देता है और ऐसा होने से दिल की धड़कन रुक सकती है.














