रोजगार की तलाश में जब लोग दूसरे शहरों की तरफ रुख करते हैं तो वहां उन्हें किरायेदार बनकर रहना पड़ता है. ज्यादातर लोग शहरों में किराये के मकान में ही रहते हैं, यहीं उनका हर सपना पलता है और वो उन्हें साकार भी करते हैं. हालांकि कई बार किरायेदार मकान मालिक से परेशान रहते हैं, साथ ही उन्हें तुरंत खाली करने का आदेश भी दे दिया जाता है. वहीं कुछ किरायेदार मकान मालिकों का भी जीना मुश्किल कर देते हैं. ऐसे में आज हम आपको किरायेदार और मकान मालिकों के कुछ ऐसे कानूनी अधिकार बता रहे हैं, जिनसे आपको कोई भी परेशानी नहीं होगी.
कुछ चीजों के लेकर बरतनी होगी सावधानी
अक्सर देखा गया है कि जब किरायेदार और मकान मालिक के बीच कोई विवाद होता है तो उन्हें अपने-अपने अधिकारों की जानकारी ही नहीं होती है. ऐसे में लोगों का भारी नुकसान भी हो जाता है. अगर आप इन चीजों को लेकर सावधानी बरतते हैं तो आप इससे बच सकते हैं, फिर चाहे आप किरायेदार हों या फिर मकान मालिक... आप सुकून की जिंदगी जी सकते हैं.
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ये हैं किरायेदार के अधिकार
- किरायेदार का अधिकार है कि वो मकान मालिक से रेंट एग्रीमेंट मांगे, नहीं देने पर शिकायत दर्ज की जा सकती है.
- मकान की मरम्मत या फिर रखरखाव के खर्च की भरपाई का अधिकार भी किरायेदार के पास होता है.
- किराया बढ़ाने से पहले किरायेदार की सहमति होना जरूरी है, नहीं होने पर नोटिस देकर मकान खाली कराया जा सकता है.
- किरायेदार को मकान मालिक बिना नोटिस दिए बाहर नहीं कर सकता है, एग्रीमेंट में लिखे वक्त के हिसाब से वक्त देना होगा.
- मकान मालिक कभी भी किराये वाले घर में नहीं घुस सकता है, इसके लिए किरायेदार से इजाजत लेनी होगी.
- अगर मकान या सामान को नुकसान नहीं पहुंचा है तो सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस करना होगा.
किरायेदार इन बातों का रखें ख्याल
- पहले फ्लैट की कंडीशन और बाथरूम वगैरह अच्छी तरह से चेक कर लें
- देख लें कि घर में अच्छा वेंटिलेशन है या नहीं, या फिर धूप कैसे और कब आती है
- रेंट एग्रीमेंट पर साइन करने से पहले अच्छी तरह से पढ़ लें और कोई शर्त जुड़वानी या हटानी हो तो हटवा लें
- एग्रीमेंट में किराया, सिक्योरिटी डिपॉजिट, मेंटेनेंस चार्ज और बाकी बिलों के भुगतान की जानकारी देख लें
- शिफ्ट होने से पहले घर में रखी चीजों का एक वीडियो बनाकर अपने पास रख लें, इससे आगे परेशानी नहीं होगी
मकान मालिक के हैं ये अधिकार
- मकान मालिक को तय वक्त पर किराये वसूलने का अधिकार होता है
- किराया नहीं चुकाए जाने पर मकान मालिक कोर्ट जा सकते हैं
- मकान मालिक को एग्रीमेंट के मुताबिक हर 11 महीने में किराया बढ़ाने का अधिकार भी होता है
- मकान मालिक एक या दो महीने का नोटिस देकर मकान खाली करवा सकता है
इन चीजों का ख्याल रखें मकान मालिक
मकान मालिक को भी कई चीजों का ख्याल रखना होता है. जिसमें एक वैध कानूनी रेंट एग्रीमेंट बनवाना पहली शर्त होती है, बिना इसके घर किराये पर देना भारी पड़ सकता है. इसके अलावा किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन भी जरूर करवा लें. रेंट एग्रीमेंट में इन बातों को जरूर मेंशन करें कि किराया कितनी तारीख तक लिया जाएगा और कब-कब बढ़ाया जाएगा. साथ ही जरूरत पड़ने पर घर में विजिट करने की बात भी जरूर लिखें. घर में बिजली के स्विच, बाथरूम का फ्लश और बाकी चीजों की मेंटेनेंस का खर्च कौन देगा, ये भी पहले से ही तय कर लें.














