Election Agent: बिहार चुनाव की तैयारियां जोर-शोर पर हैं. 6 नवंबर को पहले और 11 नवंबर को चरण की वोटिंग है. 14 नवंबर नतीजे आएंगे. हर चुनाव में आप देखते होंगे कि पोलिंग बूथ पर सिर्फ अधिकारी ही नहीं, बल्कि कुछ लोग पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर भी मौजूद रहते हैं. इन्हें ही चुनाव एजेंट कहा जाता है. ये उम्मीदवार की आंख-कान होते हैं, जो बूथ से लेकर काउंटिंग तक हर एक्टिविटीज पर नजर रखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चुनाव एजेंट कैसे बनते हैं, क्या काम करते हैं और इन्हें कितना पैसा मिलता है. चलिए समझते हैं पूरा प्रोसेस..
चुनाव एजेंट कौन होता है
चुनाव एजेंट किसी भी उम्मीदवार की ओर से अधिकृत वह व्यक्ति होता है, जो मतदान केंद्रों पर पार्टी की निगरानी करता है. इनका काम वोटिंग प्रक्रिया को निष्पक्ष रखना और उम्मीदवार के हितों की रक्षा करना होता है. एजेंट मुख्य रूप से तीन तरह के होते हैं. मुख्य चुनाव एजेंट, पोलिंग एजेंट और काउंटिंग एजेंट.
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चुनाव में एजेंट कैसे बनते हैं
किसी भी उम्मीदवार को चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार अपने एजेंटों की लिस्ट नॉमिनेशन दाखिल करने के बाद जमा करनी होती है. उम्मीदवार या उसका मुख्य एजेंट, संबंधित एजेंट के नाम की सिफारिश करता है. फॉर्म 10 या 11 में एजेंट का नाम, पता और पहचान पत्र दिया जाता है. स्थानीय निर्वाचन अधिकारी (Returning Officer) इसकी मंजूरी देता है. इसके बाद ही आधिकारिक चुनाव एजेंट पास मिलता है. एजेंट वही व्यक्ति हो सकता है जो संबंधित क्षेत्र का निवासी हो और वोटर लिस्ट में उसका नाम हो.
चुनाव एजेंट को कितना पैसा मिलता है
एजेंट्स को सैलरी नहीं मिलती, लेकिन उम्मीदवार या पार्टी उन्हें भत्ता (Allowance) देती है. यह भत्ता पार्टी, क्षेत्र और चुनाव के स्तर (लोकसभा, विधानसभा, पंचायत) पर निर्भर करता है. बड़ी पार्टियां ज्यादा पैसे देती हैं, जबकि छोटी पार्टियां कम. विधानसभा चुनाव में एजेंट्स को हर दिन 500-1,000 रुपए तक मिलते हैं. वहीं, लोकसभा चुनाव में 800-1,500 रुपए रोज और पंचायत या निकाय चुनाव में 300-700 रुपए तक मिलते हैं. इसके अलावा, खाने, आने-जाने और मोबाइल रिचार्ज जैसी सुविधाएं भी अलग से दी जाती हैं.
चुनाव एजेंट की जिम्मेदारियां क्या होती हैं
- मतदान केंद्र पर हर वोटिंग एक्टिविटी की निगरानी करना
- किसी भी गड़बड़ी या गैरकानूनी गतिविधि की रिपोर्ट तुरंत देना
- पार्टी समर्थकों की मदद करना और चुनाव आयोग के नियमों का पालन कराना
- काउंटिंग सेंटर पर मतगणना के दौरान उम्मीदवार के हितों की सुरक्षा करना














