पायलट और एयर होस्टेस की जॉब देखने में काफी आकर्षक लगती है. लेकिन इस नौकरी को करने के लिए हर समय दिमगा फ्रेश चाहिए होता है. थकान के साथ ये नौकरी करना नामुमकिन होती है. पायलट और एयर होस्टेस के ऊपर काम का प्रेशर न आए इसलिए वर्किंग आवर्स के नियम बनाए गए हैं. ये नियम नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने बनाए हैं. वर्किंग आवर्स के नियमों का केवल एक ही मकसद है और वो कि इनपर काम का प्रेशर न आए और अधिक थकान के चलते कोई गलती न हो. क्योंकि इनकी एक गलती यात्रियों की जान खतरे में डाल सकती है.
क्या है नियम
DGCA के नियम, फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) में पायलट और एयर होस्टेस के ड्यूटी आवर्स तय की गए हैं. क्रू मेंबर्स के काम और आराम की सीमाओं को निर्धारित किया गया है. ताकि उन्हें सही से आराम मिल सके. पायलट से जुड़े DGCA FDTL नियम के अनुसार , पायलट एक दिन में 10 से 13 घंटे तक ड्यूटी दे सकता. 1 हफ्ते में अधिकतम 60 घंटे तक और 1 महीने में अधिकतम 190 घंटे तक काम कर सकता है. इसके अलावा लगातार उड़ानों के बीच आराम का नियम भी है. वहीं अगर कोई पायलट लगातार 7 दिनों तक ड्यूटी पर रहता है तो उसे 36 घंटे के आराम का नियम है.
हाल ही में DGCA ने 36 घंटे को बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया था. जिसके कारण ही इंडियो की कई सारी फ्लाइट कैंसल हो गई थी. जिसके बाद DGCA ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया था. वहीं बात की जाए एयर होस्टेस के वर्किंग आवर्स की तो एक दिन में 8 से 10 घंटे काम करने का नियम है.














