इस देश में शादी करने वाले दूल्हे की होती है पिटाई, आज भी निभाई जाती है ये अजीब रस्म

यहां शादी के मौके पर दूल्हे का स्वागत फूलों से नहीं, बल्कि कीचड़ और मारपीट से किया जाता है. यह परंपरा सुनने में भले ही अजीब और डरावनी लगे, लेकिन वहां के लोग इसे अपनी संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा मानते हैं.  

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
शादी से पहले दूल्हे की पिटाई

शादी को आमतौर पर खुशी, जश्न और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. लोग दूल्हा-दुल्हन का स्वागत फूलों से करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां शादी के मौके पर दूल्हे का स्वागत फूलों से नहीं, बल्कि कीचड़ और मारपीट से किया जाता है. यह परंपरा सुनने में भले ही अजीब और डरावनी लगे, लेकिन वहां के लोग इसे अपनी संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा मानते हैं.  उनके लिए यह कोई सजा नहीं, बल्कि सदियों पुरानी परंपरा है, जिसे आज भी पूरी धूमधाम से निभाया जाता है.

कहां निभाई जाती है यह परंपरा? 

यह अजीबोगरीब रस्म स्कॉटलैंड (Scotland) के कुछ इलाकों में निभाई जाती है. इसे “ब्लैकनिंग ऑफ द ग्रूम” (Blackening of the Groom) कहा जाता है. इस परंपरा में शादी से पहले दूल्हे को उसके दोस्त और रिश्तेदार पकड़ लेते हैं और उसके शरीर पर गंदगी, राख, कीचड़, अंडे और कभी-कभी बदबूदार चीजें भी लगा दी जाती हैं.

दिल्ली में होने लगती बर्फबारी, कई साल पहले इतने नीचे पहुंच गया था तापमान


दूल्हे की क्यों होती है पिटाई? 

इस रस्म के दौरान दूल्हे को सिर्फ गंदा ही नहीं किया जाता, बल्कि हल्की-फुल्की मारपीट भी की जाती है. माना जाता है कि यह सब दूल्हे को शादी के बाद आने वाली मुश्किलों के लिए मानसिक रूप से मजबूत बनाता है. वहां के लोगों का मानना है कि अगर दूल्हा यह अपमान और दर्द सह लेता है, तो वह वैवाहिक जीवन की चुनौतियों को भी आसानी से झेल पाएगा.

पूरे गांव में घुमाया जाता है दूल्हा 

रस्म के बाद दूल्हे को उसी हालत में पूरे गांव या कस्बे में घुमाया जाता है. लोग उसे देखकर हंसते हैं, तस्वीरें लेते हैं और इस मौके को मनोरंजन की तरह देखते हैं. हालांकि बाहर से देखने पर यह अपमानजनक लग सकता है, लेकिन वहां इसे सामाजिक स्वीकृति और परंपरा का हिस्सा माना जाता है.

परंपरा के पीछे की मान्यता 

स्थानीय लोगों का मानना है कि इस रस्म से बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं. साथ ही यह दूल्हे को अहंकार से मुक्त करने और जमीन से जोड़े रखने का एक तरीका भी माना जाता है. यह परंपरा सामूहिकता और सामाजिक जुड़ाव को भी दर्शाती है.

आज भी क्यों कायम है यह रस्म? 

भले ही दुनिया तेजी से बदल रही हो, लेकिन स्कॉटलैंड के कुछ हिस्सों में लोग अपनी सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखना चाहते हैं. इसलिए नई पीढ़ी भी इस परंपरा को हंसी-मजाक और उत्सव के तौर पर निभाती है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bangladesh Violence Breaking News: बांग्लादेश हिंसा पर बड़ा खुलासा, ISIS कनेक्शन का दावा
Topics mentioned in this article