Hanging Rope: फांसी की सजा पा चुके कैदी अपनी मौत की तारीख गिनते रहते हैं. उन्हें कोर्ट के आदेश में सुनाए गए तारीख को सुबह-सुबह फांसी दी जाती है. लेकिन फांसी देने के लिए जो रस्सी होती है वो कोई आम रस्सी नहीं होती है. बाजार से यूं ही खरीदकर फांसी देने वाले रस्सी का इस्तेमाल नहीं किया जाता. इन रस्सियों को स्पेशली बनाया जाता है.पूरे भारत में होने वाली फांसी की रस्सी को बिहार के बक्सर जेल में बनाया जाता है. वह एक खास किस्म की रस्सी होती है जिसे मनीला रस्सी (Manila Rope) कहा जाता है.
आखिर बक्सर जेल में ही क्यों बनती है ये मनीला रस्सी
बक्सर सेंट्रल जेल को फांसी की रस्सी बनाने का अधिकार अंग्रेजों के समय से ही मिला हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि 1884 में बक्सर के युद्ध में जीत हासिल करने के बाद अंग्रेजों ने इस जेल में एक खास मशीन लगाई थी, जिससे फांसी की रस्सियां बनती थी. भारतीय फैक्ट्री कानून के तहत, बक्सर को छोड़कर पूरे देश में इस गुणवत्ता की रस्सी को बनाने पर प्रतिबंध है.बक्सर जेल को इसके लिए विशिष्ट पहचान मिली है.
मनीला रस्सी की खासियत क्या है और क्यों ये नाम पड़ा
इस रस्सी को "मनीला रस्सी" इसलिए कहा जाता है क्योंकि पहले यह फिलीपींस की राजधानी मनीला में बनाई जाती थी. इस रस्सी को बनाने के लिए स्पेशल धागों को इस्तेमाल किया जाता था, क्योंकि इस रस्सी को मनिला में बनाया जाता था तो उसका नाम भी मनीला पड़ गया. इसकी खासियत ये है कि 'जे-34' किस्म की रुई से तैयार किया जाता है.
- यह रस्सी बहुत मजबूत होती है, जिससे यह किसी भी वजन को आसानी से झेल सकती है.
- फांसी के फंदे के लिए रस्सी का मुलायम होना बहुत जरूरी है, ताकि गर्दन पर कट न लगे.
- इसे बनाने के लिए, धागों को रात भर ओस में नमी में रखा जाता है.
- जिससे उनकी मजबूती और कोमलता दोनों बढ़ जाती हैं.
- एक फांसी का फंदा बनाने के लिए 20 फीट लंबी रस्सी तैयार की जाती है.
- इस प्रक्रिया में कच्चे सूत के 18 धागे तैयार किए जाते हैं और उन्हें मोम में पूरी तरह से भिगोया जाता है.
- फंदे के अंत में एक पीतल का बुश (छल्ला) लगाया जाता है, जिसे फिसलने से बचाने के लिए उस पर क्रीम जैसा पाउडर भी लगाया जाता है.
बक्सर जेल में रस्सी बनाने की प्रक्रिया
बक्सर जेल में फांसी की रस्सी बनाने का काम वहां के कैदियों के द्वारा बनाया जाता है, इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. ये का बहुत ही संवेदनशील और गोपनीय होता है. जब किसी अपराधी को फांसी दी जाती है, तो देश की अलग-अलग जेलों से इसकी मांग बक्सर जेल को भेजी जाती है.
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