'बर्फ' नाम सुनते ही मन में ठंडक और सुकून का एहसास होने लग जाता है. गर्मी के मौसम में यही तो लोगों की सबसे बड़ी राहत बन जाती है. सॉफ्ट ड्रिंक से लेकर कुल्फी और फालूदा जैसे ठंडे डेयरी प्रोडक्ट तक, हर चीज में बर्फ की अहम भूमिका होती है. ये शरीर की गर्मी को कम कर ताजगी का एहसास देती है. लेकिन अगर हम कहें कि बर्फ की तासीर ठंडी नहीं बल्कि गर्म होती है, तो क्या आप यकीन करेंगे? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह सच है. आइए जानते हैं कि आखिर बर्फ की तासीर को गर्म क्यों माना जाता है.
बर्फ की तासीर गर्म क्यों हैं?
बर्फ जिसे हम इंग्लिश में आइस कहते हैं, हमारे शरीर के अंदर जाने के बाद उसकी गर्मी को सोख लेती है, जिससे शरीर गर्मी महसूस करने लगता है. बर्फ भले ही शरीर को ठंडी ताजगी का एहसास कराती हो, लेकिन असल में वो शरीर में गर्मी पैदा करने का काम करती है. बर्फ का टेंपरेचर शरीर के तापमान से कम होता है, यही कारण है कि बर्फ शरीर में ऊपरी ठंडक पहुंचाने के साथ-साथ अंदरुनी तापमान को बढ़ाती भी है. नकसीर, जलन, अकड़न, सूजन और खून बहने जैसी समस्या में बर्फ बहुत प्रभावी साबित होती है. आइस थेरेपी के लिए भी बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है.
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बर्फ से होने वाले नुकसान
बर्फ का ज्यादा सेवन करने से कई तरह की तकलीफ भी हो सकती हैं. इसमें गले में खराश (टॉन्सिल), भूख कम लगना, आलस और पेट में गैस जैसी आम समस्या शामिल हैं. बर्फ के ज्यादा सेवन से दांतों को भी नुकसान पहुंचता है और पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. स्किन हेल्थ के नजरिए से भी बर्फ नुकसानदायक होती है, क्योंकि बर्फ से ब्लड सर्कुलेशन में समस्या आती है. चेहरे पर ज्यादा बर्फ रगड़ने से वो संवेदनशील हो सकती है. बर्फ का पानी नसों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इसके लिए आप घड़े का पानी पी सकते हैं, जो बहुत फायदेमंद हो सकता है. आपको बता दें, बर्फ के ज्यादा सेवन करने की आदत को पैगोफेगिया कहते हैं. बर्फ खाने की आदत आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का लक्षण भी हो सकती है, क्योंकि शरीर ऑक्सीजन के संचरण के लिए आयरन पर निर्भर करता है.














