- बाघ प्यास लगने पर नदियों, तालाबों या अन्य जल स्रोतों से पानी पीते हैं, खासकर सुबह और शाम को
- भोजन के बाद बाघ लगातार दस मिनट तक पानी पीते रहते हैं, जिससे उनकी प्यास अच्छी तरह बुझती है
- बाघ अपनी जीभ से पानी को मुंह में उछालकर एक धारा बनाते हैं और उसे तुरंत पी जाते हैं
बाघ को प्यास लगने पर वह पानी की तलाश में निकलता है. बाघ आमतौर पर नदियों, तालाबों, या अन्य जल स्रोतों से पानी पीते हैं. प्यास बुझाने के लिए बाघ अक्सर शाम या सुबह के समय पानी पीने आते हैं, ये शिकार के लिए भी अच्छा समय होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि बाघ का खाना खाने के बाद जमकर पानी पीछे हैं. कई बार वह लगातार 10 मिनट तक भी पानी पीते रहे हैं. यहां तक कि कोहरे से भरी सर्दियों की सुबह में भी बाघ प्यास बुझाने के लिए तलाब के किनारे नजर आते हैं, खासकर रात भर भरपेट भोजन करने के बाद.
बाघ अपनी जीभ से पानी को मुंह में उछालते हैं, जिससे तरल पदार्थ की एक धारा बन जाती है, जिसे वे तुरंत पी जाते हैं. वे 10 मिनट से अधिक समय तक बैठकर प्यास बुझाने के लिए पानी पीते हैं. आईएएस ऑफिसर संजय सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें बाघ पानी पीते हुए नजर आ रहा है. इस वीडियो में दुर्लभ और मनमोहक दृश्य में घने कोहरे से ढके जंगल में कड़ाके की ठंड वाली सर्दियों की सुबह एक बाघ को प्यास बुझाते हुए देखा गया. अपनी उग्रता के लिए प्रसिद्ध बाघ एक तालाब से पानी पी रहा है.
ठंड से बेपरवाह बाघ ने बड़े आराम से पानी पिया. वह 10 मिनट से अधिक समय तक तालाब के किनारे बैठा रहा, अपनी जीभ से पानी चाटता रहा, जिससे पानी की एक धारा बन गई जिसे उसने झट से पी लिया. यह दृश्य वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक अद्भुत अनुभव था.
ये भी पढ़ें :- बदायूं में वन विभाग की टीम पर जंगली सुअर ने बोला हमला, वन विभाग का दरोगा घायल
विशेषज्ञों के अनुसार, बाघों को नियमित रूप से पानी पीने की आवश्यकता होती है, खासकर भरपेट भोजन के बाद. पानी बाघ की प्यास बुझाने और पाचन में सहायता करता है. पानी पीने का बाघ का यह अनूठा तरीका, अपनी जीभ से पानी को मुंह में डालना, उसकी अनुकूलन क्षमता और सूझबूझ का प्रमाण है.














