कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट और उसकी रोकथाम के लिए लॉकडाउन (Lockdown) से नौकरीपेशा लोगों की समस्या भी बढ़ गई है और वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. कई क्षेत्रों में कर्मचारियों के वेतन में कटौती, अप्रेजल नहीं होना तथा नौकरी जाने की आशंका ने उनकी समस्या बढ़ा दी है.
कई कंपनियां अपने कर्मचारियों का उत्साह बनाये रखने को लेकर विभिन्न उपायों पर गौर कर रही हैं.
कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिये वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए 'हंसी-खुशी' का महौल बनाने को मनोवैज्ञानिकों की सेवा ले रही हैं. अन्य ने कंपनी की अद्यतन सूचना के बारे में कर्मचारियों के साथ निरंतर बातचीत करने का निर्णय किया है. कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों से इस कठिन समय में प्रदर्शन को लेकर कैरियर में प्रगति के साथ अतिरिक्त लाभ देने का वादा कर रही हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा संकट ने कर्मचारियों के साथ-साथ संगठनों के ऊपर काफी दबाव लाया है. देशव्यापी बंद जल्दी खत्म होता दिखाई नहीं देता, ऐसे में कर्मचारियों के लिये संवेदनात्क चुनौतियां कई गुना बढ़ गयी हैं.
टीमलीज सर्विसेज के व्यापार प्रमुख (औद्योगिक विनिर्माण और इंजीनियरिंग तथा सामान्य कर्मचारी) सुदीप सेन ने कहा, "निश्चित रूप से कुछ चिंता है क्योंकि यह ऐसी स्थिति है जिसका सामाना संगठनों समेत हममें से किसी ने नहीं किया. सालाना वेतन वृद्धि के संदर्भ में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. क्योंकि कोरोनावायरस का नियोक्ताओं के साथ-साथ कारोबार पर असर पड़ा है."
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, खाद्य सेवाएं और महत्वपूर्ण विनिर्माण से जुड़े कुछ काम धंधे अभी खुले हैं. ऐसे क्षेत्रों में कर्मचारी अभी भी कार्यस्थल पर जाकर काम कर रहे हैं. उनमें उन लोगों के मुकाबले तनाव अलग होगा जो घर से काम कर रहे हैं.
ऐसे कमचारी अपने सह-कर्मी या ग्राहकों से संक्रममित होने को लेकर चिंतित हैं. उन्हें इस बात की चिंता है कि क्या संगठन उन्हें कार्यस्थल पर पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराएगा. उन्हें काम को लेकर यात्रा भी करनी पड़ रही है.
ऐसे कठिन समय में कुछ नियोक्ता कार्य स्थल पर पहुंचकर काम करने वाले अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए अलग हटकर कदम उठा रहे हैं. इसके तहत वे सराहना के रूप में अतिरिक्त भत्ता के अलावा मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध कराकर निरंतर जांच (बुखार) जैसे सुरक्षा संबंधी उपाय कर रहे हैं.
वॉलमार्ट इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, "हम खासकर उन सहकर्मियों के अभारी हैं जो बिना किसी स्वार्थ के इस समय लोगों को सेवा दे रहे हैं. क्षेत्र में काम कर रहे ऐसे कर्मचारियों को हमने सराहना स्वरूप 200 रुपये प्रतिदिन का अतिरिक्त भत्ता देंगे."
प्रवक्ता ने कहा, "हम अपने सहकर्मियों के लिये सुरक्षित परिवहन व्यवस्था को लेकर प्रतिबद्ध हैं और स्थानीय परिवहन नहीं होने की स्थिति में यात्रा पर होने वाले खर्च का भुगतान कर रहे हैं."
इस कठिन समय में कर्मचारियों का मनोबल बनाये रखने के लिये मानव संसाधन से जुड़े एवं संबद्ध अधिकारी अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित एवं मदद कर रहे हैं. इसके तहत वे नियमित रूप से अपने कर्मचारियों को कारोबार के बारे में अद्यतन जानकारी और सकारात्मक खबरें दे रहे हैं. साथ ही वे भी बता रहे हैं कि कंपनी स्थिति से बाहर आने के लिये क्या कदम उठा रही है. कई कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिये विशेष ऑनलाइन सत्र आयोजित कर रही हैं ताकि वे उत्साहित और तनाव मुक्त रहें.
कई कंपनियों को सेवा दे रही मनोवैज्ञानिक साक्षी मानध्यन ने कहा कि जब हम अनिश्चित भविष्य के बारे में सोचते हैं, चिंतित होते हैं. "अगर हम मौजूदा स्थिति की बात करें, कई लोगों ने वेतन में सालाना 'इन्क्रीमेंट' के रूप में वृद्धि के आधार पर अप्रैल और आने वाले समय के लिये योजनाएं बनायी होंगी. लेकिन दुर्भाग्य से ये चीजें नहीं हो रही हैं."
उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसी बात को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए जो उनके नियंत्रण से बाहर है. बजाए इसके जो उनके हाथ में है,वह करना चाहए और उसमें बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं