पटना: बिहार में कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले लगभग साढ़े तीन लाख स्कूली टीचर्स ने 1 फरवरी, 2018 से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. वे राज्य सरकार से समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं. संविदा पर स्कूलों में अध्यापन का काम करने वाले शिक्षकों के 23 विभिन्न संगठनों की रविवार की बैठक में राज्य सरकार को 31 जनवरी, 2018 तक समान कार्य के लिए समान वेतन लागू करने का अल्टीमेट दिया गया. मांग नहीं पूरी होने पर 1 फरवरी से हड़ताल पर जाने की धमकी दी गई.
संविदा शिक्षकों के एक नेता ने कहा, हम राज्य में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों को बंद कर देंगे और फरवरी में 10वीं और 12वीं की परीक्षा का बहिष्कार भी करेंगे.
अनुबंध पर काम करने वाले स्कूली शिक्षकों ने कहा कि उन्हें यह निर्णय लेने के लिए मजबूर किया गया. राज्य में अनुबंध पर काम करने वाले हजारों स्कूली शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है.
पटना उच्च न्यायालय ने 31 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि बिहार में हजारों स्कूल अध्यापकों की समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग सही है और इसे लागू किया जाना चाहिए.
अपनी याचिका में अनुबंधित शिक्षकों ने कहा कि राज्य में समान कार्य के लिए समान वेतन के संबंध में उनके साथ भेदभाव किया गया है. संविदा पर काम करने वाले शिक्षकों की प्रमुख मांग है कि उन्हें सरकारी स्कूल के शिक्षकों के बराबर वेतन मिलना चाहिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले इन शिक्षकों के विरोध प्रदर्शनों पर निराशा व्यक्त कर चुके हैं और कह चुके हैं कि इन शिक्षकों की मांग पूरी नहीं की जाएगी.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
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संविदा शिक्षकों के एक नेता ने कहा, हम राज्य में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों को बंद कर देंगे और फरवरी में 10वीं और 12वीं की परीक्षा का बहिष्कार भी करेंगे.
अनुबंध पर काम करने वाले स्कूली शिक्षकों ने कहा कि उन्हें यह निर्णय लेने के लिए मजबूर किया गया. राज्य में अनुबंध पर काम करने वाले हजारों स्कूली शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है.
पटना उच्च न्यायालय ने 31 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि बिहार में हजारों स्कूल अध्यापकों की समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग सही है और इसे लागू किया जाना चाहिए.
अपनी याचिका में अनुबंधित शिक्षकों ने कहा कि राज्य में समान कार्य के लिए समान वेतन के संबंध में उनके साथ भेदभाव किया गया है. संविदा पर काम करने वाले शिक्षकों की प्रमुख मांग है कि उन्हें सरकारी स्कूल के शिक्षकों के बराबर वेतन मिलना चाहिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले इन शिक्षकों के विरोध प्रदर्शनों पर निराशा व्यक्त कर चुके हैं और कह चुके हैं कि इन शिक्षकों की मांग पूरी नहीं की जाएगी.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
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