"खाना ऑर्डर करना भी खतरे से खाली नहीं": जोमैटो एजेंट पर महिला के यौन शोषण का आरोप

देश के बड़े शहरों में देर रात ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना बड़ी आम बात है, लेकिन इन दिनों ऑनलाइन ऑर्डर करने के बाद महिला के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिससे उसके मन में डर बैठ गया है. महिला के साथ क्या कुछ हुआ, यहां जानिए.

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महिला के मन में बैठ गया डर
नई दिल्ली:

जब किसी जोरों की भूख लगी हो या फिर कुछ अच्छा खाने का मन हो तो लोग झट से ऑनलाइन ऑर्डर कर देते हैं. ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाले प्लेटफॉर्म की सर्विस से लोगों को काफी सहूलियत मिल गई है. लेकिन हाल में ही एक महिला ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी से जुड़ा एक डरावना वाकया साझा किया. एक महिला ने ज़ोमैटो डिलीवरी एजेंट द्वारा कथित यौन उत्पीड़न करने का जिक्र किया है.

महिला ने एक्स पर बताई आपबीती

एक्स पर महिला ने कहा कि उसके साथ ये सब तब हुआ जब उसने अहमदाबाद में भारी बारिश के बीच मंगलवार देर रात कॉफी का ऑर्डर दिया. उसने कहा कि हालांकि डिलीवरी में देरी हुई, लेकिन वह इस स्थिति को पूरी तरह से समझती है और इसलिए उसे कॉफी का इंतजार करने में कोई दिक्कत नहीं थी. महिला ने लिखा, "डिलीवरी पार्टनर लगातार मुस्कुराते हुए देरी के लिए माफ़ी मांग रहा था, जिससे मैं असहज हो गई, लेकिन मैंने इसे अनदेखा कर दिया, यह सोचकर कि मैं देश के मौजूदा हालात देखते हुए ज्यादा घबरा रही हूं."

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डिलीवरी एजेंट पर ये आरोप

महिला ने आगे कहा कि श्वेतांग जोशी नाम के डिलीवरी एजेंट ने बार-बार अपने पैर की ओर इशारा करते हुए अपनी चोट का ज़िक्र किया. इसके बाद उन्होंने डिलीवरी ड्राइवर के पैरों पर टॉर्च की रोशनी डाली. महिला ने आरोप लगाया कि उसके प्राइवेट पार्ट उसके कपड़ों के बाहर थे और वो हंस रहा था और मुझसे कह रहा था, "मैम, प्लीज हेल्प कर दीजिए (कृपया मेरी मदद करें)."

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देर रात जोमैटो को बताई पूरी बात

हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने तुरंत ज़ोमैटो को घटना की सूचना दी, लेकिन कंपनी की प्रतिक्रिया ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया. कॉल पर मौजूद महिला ने कहा कि वे दोनों पक्षों, यानी मेरे और डिलीवरी पार्टनर की स्थिति के बारे में सुनेंगे. कौन 1 बजे रात को ज़ोमैटो कस्टमर केयर से संपर्क करने की जहमत उठाएगा, बिना रिफंड या कुछ और मांगे? मैं बस चाहती थी कि तुरंत कार्रवाई की जाए. लेकिन एक महिला होने के नाते अगली सूचना तक प्रतीक्षा करने के लिए कहा जाना घृणित और अस्वीकार्य है.

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उन्होंने कहा, "मुझे इस बारे में ज़ोमैटो से कोई कॉल बैक नहीं मिला है, जिससे मुझे लगता है कि जरूरत पड़ने पर भी खाना ऑर्डर करना कितना असुरक्षित है. महिला ने स्वीकार किया कि इससे ना उसे सदमा लगा बल्कि गुस्सा भी आया. महिला ने दावा किया कि वह ऐसी कई महिलाओं को जानती है जो सप्ताह में कई बार ऐसे बुरे अनुभवों से गुजरती हैं और बोलती नहीं हैं. बाद में महिला ने कहा कि ज़ोमैटो ने उससे संपर्क किया और आवश्यक कदम उठाए, लेकिन वह अभी भी असुरक्षित महसूस कर रही है.

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महिला के मन में बैठ गया डर

महिला ने बताया कि डिलीवरी ड्राइवर को नौकरी से निकाल दिया गया है और उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. महिला ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगी कि मैं अब सुरक्षित महसूस करती हूं, मैं अभी भी असुरक्षित महसूस करती हूं, लेकिन उन्होंने जो कर सकते थे, किया,"  उसने स्वीकार किया कि वह अभी भी इस संभावना के बारे में परेशान थी कि ड्राइवर उसके पते पर वापस आ जाएगा, लेकिन कानूनी सहायता मिलने से उसे कुछ राहत मिली. इस बारे में NDTV ने टिप्पणी के लिए ज़ोमैटो से संपर्क किया, लेकिन कंपनी ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.

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