"मेरे लॉकर में भी आपको कुछ नहीं मिलेगा, आइये स्वागत है.." CBI के नोटिस पर बोले मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछली बार 19 अगस्त को CBI ने मेरे आवास पर 14 घंटे की रेड की, लेकिन उन्हें कुछ मिला नहीं.

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मनीष सिसोदिया ने सीबीआई रेड पर दी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली:

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने CBI की रेड को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि 
CBI एक बार फिर मेरे घर आने वाली है. इसकी जानकारी हमे दी गई है. पिछली बार 19 अगस्त को CBI ने मेरे आवास पर 14 घंटे की रेड की, लेकिन उन्हें कुछ मिला नहीं. इस बार वो मेरे लॉकर की तलाशी के लिए आ रही है. मेरे लॉकर में भी आपको कुछ नहीं मिलेगा. CBI का स्वागत है, इस जांच में मेरा परिवार आपका पूरा सहयोग करेगा. बता दें कि मनीष सिसोदिया के आवास पर CBI रेड को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच बीते कई दिनों से बयानबाजी का दौर जारी है. 

इसस पहले सोमवार को आम आदमी पार्टी ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया. इस दौरान डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई की FIR पूरी तरह फर्जी है. धूल में लट्ठ मारना है तो लिख दो सॉर्स, सोर्स के ऊपर FIR है. ऐसा पहली बार हुआ है. सीबीआई ने घर का कोना-कोना छाना, बेडरूम से लेकर बच्चों, परिवार मेरे कपड़े, सब देखा कहीं कुछ नहीं मिला. 14 घंटे तक रेड हुई, लेकिन एक पैसे की बेईमानी का सबूत नहीं मिला. मेरे सचिवालय दफ्तर में भी रेड हुई, कुछ सरकारी फाइलें, कम्प्यूटर, मोबाइल ले गए.

आज सदन के समक्ष रेड की कहानी बताने नहीं आया हूं. हजारों रेड कर लो, कुछ नहीं मिलेगा. दिल्ली के एजुकेशन को आगे बढ़ाने का काम बिल्कुल किया है, वो अगर बेईमानी है तो जो सजा हो दे दो. अभी तक 75 साल से यह होता आया है कि कोई अच्छा काम करे तो सीबीआई लेकर आ जाओ. 7 साल के एक्सपीरियंस के आधार पर कह रहा हूं, एक सीरियल किलर की तरह चुनी हुई सरकारों को हटाने में जितनी मेहनत लगाते हो, उतने से कम में अच्छे स्कूल और अस्पताल बन जाते हैं.

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पहले टेंट और टीन छप्पर वाले स्कूल हुआ करते थे. हमने 700 नई स्कूल बिल्डिंग बनाई है. आज टेंट वाले स्कूल को लोग कहते हैं, स्विमिंग पूल वाला स्कूल. 19 हजार नए टीचर भर्ती किए हैं, लेकिन इसके जवाब में मोदी जी फर्जी FIR लिखवा रहे हैं. आज अगर अरविंद केजरीवाल देश के प्रधानमंत्री होते और मैं किसी और पार्टी से कहीं और का शिक्षा मंत्री होता, तो अरविंद केजरीवाल ऐसा नहीं करते, वे गले लगाते. कोई अच्छा काम करे, उसे रोक दो, उसकी सरकार गिरा दो, यह बताता है कि सोच कितनी छोटी है. इतना इनसिक्योर आदमी पहले कभी नहीं देखा. आज भारत में एक बच्चे को औसतन 6 साल की शिक्षा मिलती है, बांग्लादेश में भी इतना ही है, पाकिस्तान में 5 साल है, तो उससे खुश हो सकते हैं. अमेरिका ब्रिटेन में यह 13 साल है.

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