उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने के तीन दिन बाद योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दो घंटे तक चली इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आज योगी आदित्यनाथ जी से मुलाकात की. मैंने उन्हें यूपी चुनाव में ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी. पिछले 5 वर्षों में उन्होंने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अथक प्रयास किया है. मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में वह राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.'
माना जा रहा है कि यूपी में नए मंत्रिमंडल के गठन को लेकर पीएम मोदी की सीएम योगी के साथ यह बैठक हुई है. इससे पहले योगी पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष समेत कई नेता दिल्ली पहुंचे थे. योगी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी. यूपी में हुए हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दोबारा सत्ता हासिल कर 37 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है. हालांकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत 11 मंत्रियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. बीजेपी योगी सरकार के नए मंत्रिमंडल में जातीय, क्षेत्रीय समीकरणों के बीच संतुलन बिठाना चाहती है.
बीजेपी में उप मुख्यमंत्री पद के लिए ब्राह्मण चेहरा बृजेश पाठक, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कुर्मी नेता स्वतंत्र देव सिंह और आगरा से चुनाव जीतीं जाटव समाज की बेबी रानी मौर्य का नाम भी उछल रहा है. हालांकि संभावना है कि चुनाव हारने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा, वो पार्टी में ओबीसी का बड़ा चेहरा हैं. पार्टी मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरों को भी शामिल कर सकती है. नोएडा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह का नाम भी मंत्रिपद के दावेदारों में बताया जा रहा है. पंकज सिंह ने 1.81 लाख से ज्यादा वोटों से नोएडा में जीत दर्ज की है. सतीश महाना, सुरेश खन्ना जैसे दिग्गज भी फिर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. सतीश महाना ने आठवीं बार विधानसभा चुनाव जीता है. जबकि सुरेश खन्ना शाहजहांपुर से रिकॉर्ड 9वीं बार चुनाव जीत विधायक बने हैं.
पिछली सरकार में केशव प्रसाद मौर्य के अलावा ब्राह्मण नेता के तौर पर दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया था. उत्तर प्रदेश में नई सरकार के आकार में जातिगत, क्षेत्रीय समीकरणों के साथ 2024 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए भी कई चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं. यूपी में चुनाव के पहले स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी ने मंत्रिपद से इस्तीफा देते हुए सपा ज्वाइन कर ली थी. लेकिन स्वामी प्रसाद और धर्म सैनी चुनाव हार गए.