उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मृतक बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के परिजनों से मुलाकात करने पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) को एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया. जिस पर यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि किसी भी आंदोलन में व्यक्तिगत समझ से ऊपर सामूहिक राय होती है. मुझे खेद है कि निर्णय लेने से पहले मैंने संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य साथियों से बात नहीं की. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में पिछले 11 महीने से किसान विरोधी बीजेपी सरकार द्वारा थोपे काले कानूनों के विरुद्ध चल रहा आंदोलन देश के लिए आशा की एक किरण बनकर आया है. इल ऐतिहासिक आंदोलन की एकता और इसकी सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को बनाए रखना आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है,
'किसान आंदोलन में कोई टूट नहीं' : एक महीने के लिए सस्पेंड किए जाने के बाद बोले योगेंद्र यादव
उन्होंने कहा कि मैं संयुक्त किसान मोर्चा की सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं. इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं. किसान आंदोलन देश के लिए आशा की एक किरण बनकर आया है. इसकी एकता और सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को बनाए रखना आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है. लखीमपुर खीरी में 4 शहीद किसानों और एक पत्रकार की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने के बाद मैं उसी घटना में मृतक बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गया था, उनकी शान में नहीं बल्कि उनके परिवार से शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए.
यादव ने कहा कि अपने विरोधियों के भी दुख में शरीक होना इंसानियत और भारतीय संस्कृति के अनुरूप है. मेरी यह समझ रही है कि मानवीय संवेदना की सार्वजनिक अभिव्यक्ति से कोई भी आंदोलन कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होता है. जाहिर है आंदोलन में हर साथी इस राय से सहमत नहीं हो सकता और मेरी उम्मीद है कि इस सवाल पर एक सार्थक संवाद शुरू हो सकेगा.
योगेंद्र यादव पर संयुक्त किसान मोर्चा ने लिया एक्शन, एक महीने के लिए निलंबित किया
बता दें कि इस मामले को लेकर संयुक्त मोर्चा के कई किसान संगठनों ने योगेंद्र यादव पर कार्रवाई की मांग की थी. भारतीय किसान यूनियन डोआबा के अध्यक्ष ने गुरुवार को एनडीटीवी को बताया था कि 32 किसान संगठनों की मांग पर योगेंद्र यादव पर कार्रवाई की गई है. साथ ही संगठनों ने मांग है कि यादव सामूहिक तौर पर इसके लिए माफी भी मांगे.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे चार किसानों को कार से रौंद दिया गया. जिसके बाद उग्र भीड़ ने चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला, इस घटना में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे का नाम सामने आया है. जिसके बाद 9 अक्टूबर को मंत्री के बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं इस मामले में चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.
निलंबन का फैसला सिर आखों पर मगर इंसानियत नहीं बची, NDTV से बोले योगेंद्र यादव