आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के यमुना के पानी में जहर मिलाने वाले बयान का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है और केजरीवाल से सबूत मांगे हैं. आयोग ने केजरीवाल से कहा है कि पानी में अमोनिया का स्तर अधिक होना और पानी में जहर मिलाना दोनों अलग-अलग चीजें हैं. दोनों को एक साथ ना मिलाएं. आयोग ने केजरीवाल से कहा है कि वह कल सुबह यानी शुक्रवार सुबह ग्यारह बजे तक ठोक सबूत दें कि पानी में जहर मिलाया गया है. अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो कार्रवाई की जाएगी.
चुनाव आयोग के आधिकारिक दस्तावेज में कहा गया है, 'आयोग ने केजरीवाल को शिकायतों पर अपना जवाब, विशेष रूप से तथ्यात्मक और कानूनी पहलुओं के साथ साक्ष्यों के समर्थन के साथ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, ताकि आयोग मामले की जांच कर सके और उचित कार्रवाई कर सके." केजरीवाल को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि ऐसे आरोपों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जैसे क्षेत्रीय समूहों और पड़ोसी राज्यों के निवासियों के बीच दुश्मनी पैदा होने के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
चुनाव आयोग ने केजरीवाल से पूछे ये सवाल
- यमुना में किसने जहर मिलाया?
- यमुना में कौन सा जहर मिलाया गया?
- किस इंजीनियर ने जहर का पता लगाया?
- किस जगह जहर मिलाया गया?
- पानी में जहर फैलने से कैसे रोका गया?
भाजपा ने अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी.केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, भूपेंद्र यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के तीनों सदस्यों से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया था कि वे आप नेता से अपने आरोप वापस लेने और लोगों में "दहशत" पैदा करने के लिए माफी मांगने को कहें.
केजरीवाल ने क्या दिया था बयान
‘आप' ने सोमवार को हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जानबूझकर औद्योगिक कचरे को यमुना में डालने का आरोप लगाया था. आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि बीजेपी नदी में ‘जहर मिलाकर' लोगों को मारने की कोशिश कर रही है.
आप प्रमुख, अरविंद केजरीवाल
इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को लिखे पत्र में उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी के यमुना नदी में जहर मिलाने के हालिया आरोप पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा था कि पानी में जहर मिलाने और नरसंहार के भ्रामक आरोप लोगों को भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के समान हैं.
बता दें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को चुनाव होगा और नतीजों की घोषणा 8 फरवरी को होगी.