दुनिया के सबसे बड़े ऑफिस कॉम्प्लेक्स 'डायमंड बोर्स' से डेढ़ लाख रोजगार होंगे पैदा, जानें खासियत

Surat Diamond Bourse: सूरत में 2015 में ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. स्मार्ट सिटी योजना के तहत सूरत के दक्षिणी भाग में, खजोद गांव, बाहरी रिंग रोड और डुमास हवाई अड्डे के नजदीक 700 हेक्टेयर साइट पर ड्रीम सिटी बन रही है.

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दुनिया का सबसे बड़ा आफिस सूरत का डायमंड बोर्स है.
सूरत:

Surat Diamond Bourse : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत में रविवार को डायमंड बोर्स का उद्घाटन किया. डायमंड बोर्स बनने से हीरे के कारोबारियों को काफी फायदा होगा. डायमंड बोर्स से डेढ़ लाख नए रोजगार भी पैदा होंगे. साथ ही निर्यात भी बढ़ेगा. दुनिया का सबसे बड़ा आफिस सूरत का डायमंड बोर्स है. करीब 34 एकड़ में फैले डायमंड बोर्स के बनने से हीरा कारोबार को एक नई ऊंचाई मिलने की संभावना है. यहां न सिर्फ हीरे की ट्रेडिंग से जुड़े आफिस होंगे बल्कि ज्वैलरी बनाने और नई तकनीकी भी आएगी.

सूरत ड्रीम सिटी बनने की ओर बढ़ रहा है. चार साल पहले डायमंड बोर्स की जब नींव रखी गई थी, तक इस इलाके में दूर-दूर तक कुछ नहीं था. लेकिन अब यहां का नक्शा ही बदल गया है. यहां अब नजदीक मेट्रो स्टेशन भी बनकर तैयार हो गया है. डायमंड सिटी गुड्स कमेटी के प्रवक्ता दिनेश नावेदिया ने कहा कि ड्रीम प्रोजेक्ट में जब से डायमंड बोर्स बना है, तब से प्रापर्टी को खरीदने के लिए तमाम लोग आ रहे हैं. यहां पांच सितारा होटल, मॉल और दूसरी गतिधियां शुरु हो गई है. इससे डायमंड कारोबारी नहीं बल्कि कई सेक्टर को फायदा पहुंच रहा है.

दरअसल सूरत में 2015 में ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. स्मार्ट सिटी योजना के तहत सूरत के दक्षिणी भाग में, खजोद गांव, बाहरी रिंग रोड और डुमास हवाई अड्डे के नजदीक 700 हेक्टेयर साइट पर ड्रीम सिटी बन रही है. लेकिन डायमंड बोर्स बनने के बाद खाजोद इलाके से 25 लाख टन सोलिड वेस्ट खत्म किया गया. एयरपोर्ट से लेकर मेट्रो और बुलेट ट्रेन परियोजना से जुड़ने के बाद अब सूरत में नई संभावना के अवसर बढ़ गए हैं.

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