पेरिस में भारत की ताकत देख रही दुनिया, तेजस के साथ यह मिसाइलें और डिफेंस सिस्‍टम बजा रहे आत्‍मनिर्भर भारत का डंका

डीआरडीओ ने एक्स पर पोस्ट करके बताया कि पेरिस एयर शो में डीआरडीओ अगली पीढ़ी के मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों सहित स्वदेशी तकनीक का प्रदर्शन करेगा.

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नई दिल्‍ली :

दुनिया के सबसे पुराने एयर शो में से एक पेरिस एयर शो फ्रांस की राजधानी पेरिस में ले बॉरगेट में शुरु हो चुका है. खास बात यह है कि इस एयर शो में डीआरडीओ लाइट कॉम्बेट एयरकाफ्ट तेजस के साथ-साथ आधुनिक यूएवी, एवियोनिक्स , मिसाइल और डिफेंस सिस्टम लेकर पहुंचा है, जो  वैश्विक मंच पर आत्मनिर्भर भारत की भावना को मजबूती से पेश कर रही है. 16 जून से 22 जून तक चलने वाले इस शो में दुनिया भर के तमाम बड़े देश हिस्सा ले रहें हैं.  

डीआरडीओ ने एक्स पर पोस्ट करके बताया कि पेरिस एयर शो में डीआरडीओ अगली पीढ़ी के मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों सहित स्वदेशी तकनीक का प्रदर्शन करेगा. यह ग्लोबल स्टेज पर भारत की आत्मनिर्भरता, सहयोग और रणनीतिक क्षमता को दिखाएगा. 

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डीआरडीओ के हथियार खींच रहे दुनिया का ध्‍यान

55वें इंटरनेशनल एयर शो में देश में हथियारों के डिजाइन और डवलपमेंट में जुटा डीआरडीओ अपने देशी हथियारों के दम पर सबका ध्यान खींच रहा है. हिन्दुस्तान एरोनेटिक्स लिमिटेड के तेजस मार्क टू को भी प्रदर्शित किया जाएगा. यह अपने क्लास का दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू विमान हैं. कम समय में इस फाइटर ने सबको प्रभावित किया हैं. 

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वहीं डीआरडीओ देसी एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम यानी एईडब्लूएंडसी को भी लेकर भी प्रदर्शित करने जा रहा है, जो खासकर दुश्मन के विमानों और यूएवी का पता लगाने और उन पर नजर रखने के लिए बना है. आसान शब्दों में इसे आप आसमान में सेना की आंख और कान भी कह सकते हैं. 

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यह मिसाइलें भी की गई प्रदर्शित 

  • यहां डीआरडीओ की अस्‍त्र मिसाइल भी प्रदर्शित की गई है. अस्त्र एक आसमान से आसमान में मार करने वाली बिओन्ड विजुअल रेंज गेम चेंजर मिसाइल है. यह मिसाइल लड़ाकू विमानों मे लगाई जाती है, जो करीब 100 किलोमीटर तक मार कर सकती है. 
  • हेलीकॉप्टर से फायर करने वाले तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का भी प्रदर्शन किया गया है, जो फायर एंड फॉर्गेट थ्‍योरी पर काम करती है. इसकी रेंज करीब 500 मीटर से करीब 7 किलोमीटर तक है. 

स्‍वाति राडार को लेकर पहुंचा है डीआरडीओ

वहीं दुश्मन के हथियार को पता लगाने वाले वेपन लोकेटिंग राडार स्वाति को भी डीआरडीओ लेकर आया है, जो दुश्मन के तोप, मोर्टार और रॉकेट लांचर का आसानी से पता लगा लेता है. 

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कुल मिलाकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक बार पेरिस में भारत की आत्मनिर्भर की शक्ति को पूरी दुनिया देखेगी. इसमें डीआरडीओ ने अपनी नई तकनीक के साथ भविष्य के युद्द की झलक भी दिखाई है, जिसे लेकर डीआरडीओ की पूरी तैयारी है. 

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