"हिंदी के गुलाम नहीं बनेंगे": तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने अमित शाह का किया विरोध

एमके स्टालिन ने अमित शाह से कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर हिंदी को "थोपे जाने" के "तीखे" विरोध पर ध्यान देने को कहा

Advertisement
Read Time: 5 mins
चेन्नई:

हिंदी की स्वीकार्यता को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के "साहसिक प्रयास" की निंदा करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को कहा कि "हम हिंदी के गुलाम नहीं बनेंगे." मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने नई दिल्ली में आधिकारिक भाषा पर संसद की समिति की 38वीं बैठक की अध्यक्षता की जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदी को बिना विरोध के स्वीकार किया जाना चाहिए, भले ही स्वीकृति की गति धीमी हो.

अमित शाह ने यह भी कहा कि हिंदी अन्य भाषाओं से प्रतिस्पर्धा में नहीं है और सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने से ही देश सशक्त होगा.

एमके स्टालिन ने ट्वीट किया, "मैं हिंदी की स्वीकार्यता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमितशाह के दुस्साहस की कड़ी निंदा करता हूं. यह गैर-हिंदी भाषियों को अपने अधीन करने का एक ज़बरदस्त प्रयास है. तमिलनाडु किसी भी प्रकार के हिंदी आधिपत्य और इसे थोपने को अस्वीकार करता है. हमारी भाषा और विरासत हमें परिभाषित करती है - हम हिंदी के गुलाम नहीं होंगे!'' 

एमके स्टालिन ने शाह से कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हिंदी को "थोपे जाने" के "तीखे" विरोध पर ध्यान देने को भी कहा.

उन्होंने ट्वीट किया, "कर्नाटक, पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्य भी हिंदी थोपे जाने का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. माननीय अमित शाह, कृपया बढ़ते प्रतिरोध पर ध्यान दें! 1965 के 'हिंदी विरोधी आंदोलन आंदोलन' की चिंगारी को भड़काना एक मूर्खतापूर्ण कदम होगा."

Featured Video Of The Day
Pakistan ने Article 370 पर Congress और National Conference का नाम लेकर दोनों पार्टियों को फंसा दिया?
Topics mentioned in this article