महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि महिला आरक्षण बिल यानि नारी शक्ति वंदन अधिनियम से लोकसभा मजबूत होगी. नारी शक्ति वंदन अधिनियम आज लोकसभा में पेश होने जा रहा है. NDTV के पास इस बिल की कॉपी मौजूद है. इसके मुताबिक, एससी/ एसटी के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान संभव है.
सरकार ने मंगलवार को यहां नए संसद भवन की लोकसभा में नया महिला आरक्षण विधेयक पेश किया. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नए संसद भवन में लोकसभा की पहली बैठक में यह बिल पेश किया. अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने के बाद लोकसभा में महिलाओं की सीटों की संख्या 181 हो जाएगी.
बताया जा रहा है कि लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक को पारित करने के लिए चर्चा कल यानि 20 सितंबर को की जाएगी. सरकारी सूत्रों ने कहा कि विधेयक को 21 सितंबर को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
दरअसल, दलगत भावना से ऊपर उठकर, नेताओं ने महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग की थी. इसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मुहैया होगा. राज्यसभा द्वारा 2010 में पारित महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था. साल 2008-2010 के असफल प्रयास से पहले, इसी तरह का विधेयक 1996, 1998 और 1999 में भी पेश किया गया था.
संसद के विशेष सत्र के प्रारंभ होने से पहले, मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि भले ही संसद का यह सत्र छोटा हो, लेकिन इसमें ‘ऐतिहासिक निर्णय' लिया जाएगा. बता दें कि मौजूदा लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गईं, जो कुल संख्या 543 का 15 प्रतिशत से भी कम है. सरकार द्वारा पिछले दिसंबर में संसद के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 14 प्रतिशत है.
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