महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है. ऐसा ही एक प्रयास 'लखपति दीदी' योजना के जरिए किया जा रहा है, जिसने कई महिलाओं के जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. यह महिलाएं अब आत्मनिर्भर बनकर सफलता की नई इबारत लिख रही हैं. ओडिशा के खोरधा की महिलाएं भी इस योजना का लाभ उठा रही हैं और उम्मीद और सशक्तीकरण की नई कहानी खिल रही हैं.
केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से चलाई जा रही इस योजना को ओडिशा लाइवलीहुड्स मिशन (ओएलएम) के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना है.
5 लाख रुपये तक का बिना ब्याज का लोन
इस योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं को उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने और बिना ब्याज 5 लाख रुपये तक का लोन . इस योजना से लाभान्वित होकर महिलाएं स्वरोजगार के माध्यमों से अब न केवल अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं, बल्कि अपने परिवार और समुदाय का भी सहारा बन रही हैं.
योजना की लाभार्थी रीहाना बेगम ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान अपनी प्रेरक कहानी को साझा किया. उन्होंने बताया कि मैंने अपने स्वयं सहायता समूह से लोन लेकर एक सिलाई मशीन खरीदी. अब मैं कपड़े सिलती हूं और अन्य महिलाओं को भी सिलाई सिखाती हूं. 'लखपति दीदी' बनने से मेरे अंदर आत्मविश्वास आया है. सरकार का आभार है कि उन्होंने हमारे सपनों को पहचाना और उन्हें उड़ान दी.
अन्य महिलाओं को भी दे रही हैं रोजगार
लाभार्थी मधुस्मिता साहू ने इस योजना से आर्थिक मदद लेकर पेपर प्लेट बनाने का कारोबार शुरू किया. उन्होंने बताया कि सरकारी सहायता मिलने के बाद मैंने एसएचजी के जरिए अपना व्यवसाय शुरू किया. आज मैं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हूं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार देने में सक्षम हूं. मुझे गर्व है कि मैं 'लखपति दीदी' हूं.
कई और भी ऐसी अनगिनत कहानियां इस बात की गवाही देती हैं कि ग्रामीण ओडिशा में एक मौन क्रांति चल रही है, जहां महिलाएं सामाजिक और आर्थिक बंदिशों को तोड़कर अपने भविष्य को नए सिरे से गढ़ रही हैं. 'लखपति दीदी' योजना के जरिए उन्हें समय पर प्रशिक्षण, वित्तीय समावेशन और उद्यमशीलता का संबल मिल रहा है. एक बात बिल्कुल साफ है कि जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो पूरा समाज प्रगति की ओर बढ़ता है.