महिलाओं की नीलामी, सदियों से नातरा प्रथा का नासूर झेल रही हैं एमपी के इस जिले की औरतें

MP के राजगढ़ जिले में अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं की बोली लगाई जाती है, पंचायतों का फरमान जारी होता है.ऐसा ही वाकया राजगढ़ जिले के उचाखेड़ा गांव में साधारण किसान परिवार कि बिटिया सीमा तंवर के साथ हुआ है.

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Natra प्रथा में महिलाओं की अप्रत्यक्ष रूप से लगाई जाती है बोली
राजगढ़:

महिलाओं की ऑनलाइन बिक्री के नाम पर सुल्ली डील्स के बाद बुल्ली बाई ऐप का मामला इन दिनों में सुर्खियों में हैं. महिलाओं की प्रतिष्ठा और सम्मान को तार-तार कर देने वाला यह मामला सुर्खियों में है. लेकिन मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में महिलाएं हकीतत में ऐसी ही त्रासदी सदियों से झेल रही हैं. राजस्थान की सीमा से लगे राजगढ़ ज़िले में बरसों से नातरा प्रथा के नासूर से महिलाओं त्रस्त हैं. अप्रत्यक्ष रूप से उनकी बोली लगाई जाती है, बाकायदा पंचायतों का फरमान जारी होता है.ऐसा ही एक शर्मसार करने वाला वाकया राजगढ़ जिले के उचाखेड़ा गांव में साधारण किसान परिवार कि बिटिया सीमा तंवर के साथ हुआ है.

सीमा जब 9वीं में पढ़ती थी तो तभी घर से सात किमी दूर घोगड़िया खुर्द गांव मेंउसकी  शादी हो गई. 2019 में ससुराल पहुंच गई लेकिन कुछ ही दिनों में पति ने मायके भेज दिया. उसे साथ रखने से इंकार कर दिया. नातरा प्रथा के तहत झगड़े के 20 लाख रुपये मांगे. नाराज़गी की वजह भी थी सीमा की पढ़ाई लिखाई. पैसे नहीं दिये तो धमकी मिली, घर जलाने की कोशिश हुई.परिजनों पर हमला हुआ.

सीमा बताती है कि झगड़े की रकम नहीं देने पर गांव में मकान जला दिया गया. अब तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई, वो गांव में आकर झगड़ा कर कहते हैं कि पैसा दे दो नहीं तो ऐसे ही मारेंगे. हमारी एफआईआर दर्ज हुई लेकिन कोई कड़ी कार्रवाई नहीं, एसपी दफ्तर पहुंचे तो वो थाने में ऐसे की फोन लगा देते हैं कोई कार्रवाई नहीं होती.थकहार का अपनी बेटी के शोषण की कीमत परिवार ने 5 लाख रुपये देकर चुकाई.

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ये लड़ाई अकेली सीमा की नहीं है, इस बिटिया ने तो बहुत हिम्मत से हमारे कैमरे से सामने सच को कबूला नहीं तो ज़िले के हर गांव में नागर, सोंधिया,दांगी ,तंवर जैसे समाजों में ये कुप्रथा फैली है. खिलचीपुर के बघेला गांव की गुड्डी बाई की 8 साल में शादी हुई, पति ने दूसरी शादी कर ली अब गुड्डी से फारगति यानी (NOC) के 10 लाख मांगा जा रहा है. तभी गुड्डी कहीं और शादी कर सकती है, शारदा के पति ने तो तीन बच्चे होने के बाद उसे छोड़ा उसे भी 10 लाख रुपये चाहिये, शारदा मजदूरी करके बच्चों को पाल रही है.

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ऐसे मामलों में हजारों में हैं लेकिन पुलिस ने तीन सालों में लगभग 450 मामले ही दर्ज किए हैं. राजगढ़ के पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा कहते हैं कि पिछले तीन साल से लगातार हमने अभियान चलाया है, 450 से ज्यादा मामले दर्ज किये हैं, कई जगहों पर अभी भी ये कुप्रथा व्याप्त है. इसमें आईपीसी की धारा 384,387 में मामला दर्ज करते हैं.

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दरअसल नातरा प्रथा में बच्चों की शादी मां-बाप बचपन में तय कर देते हैं, जब वो समझदार होते हैं तो कई बार ए-दूसरे को पसंद नहीं करते या समझ नहीं पाते हैं. ज्यादातर मामलों में लड़का लड़की को छोड़ देता है या उससे छुटकारा पाने के लिए मारपीट, विवाद या  प्रताड़ित करता है. लड़के का पक्ष ऐसे मामलों में लड़की के नए पति या पिता से झगड़ा वसूलता है जिसकी रकम लाखों में होती है. संसद में इसके खिलाफ कानून बनाने की मांग भी उठ चुकी है.

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पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह कहते हैं ये कुप्रथा जितनी हो सके कार्रवाई हो, हमने तो मांग की कि इसके खिलाफ कानून बने. बुल्ली बाई का मुद्दा है वहां जाने अंजाने नाम उठाकर फॉर सेल लिख  दिया जाता है. ऐसी कुप्रथा पर उस राज्य में ध्यान नहीं दिया जा रहा. विधानसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में सरकार ने माना है कि पिछले सात वर्षों में मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से जुड़े मामलों में सालाना औसतन 27 प्रतिशत ही दोष सिद्धि हुई है.

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