ट्विटर को अंतरिम संरक्षण नहीं, नियम का उल्‍लंघन होता मिले तो केंद्र करे कानून के अनुसार कार्रवाई : HC

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court)  ने केंद्र सरकार से कहा है कि चूंकि, ट्विटर (Twitter)  को अंतरिम संरक्षण नहीं दिया गया है. ऐसे में यदि किसी नियमका उल्‍लंघन होता हुआ मिले तो सरकार कानून के मुताबिक कार्रवाई कर सकती है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
ट्विटर ने HC को बताया, IT नियमों के अनुपालन में वह भारत में एक संपर्क कार्यालय स्थापित करने की प्रक्रिया में है
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court)  ने केंद्र सरकार से कहा है कि चूंकि, ट्विटर (Twitter)  को अंतरिम संरक्षण नहीं दिया गया है. ऐसे में यदि किसी नियमका उल्‍लंघन होता हुआ मिले तो सरकार कानून के मुताबिक कार्रवाई कर सकती है. इससे पहले, ट्विटर ने हाईकोर्ट में दावा किया कि उसने अंतरिम अधिकारी (RGO) की नियुक्ति कर दी है पर स्थाई के लिए कुछ समय चाहिए. उसने कहा कि वह नियमों का पूरी तरह पालन करेगा. हाईकोर्ट ने ट्विटर को दो हफ्ते में अमेरिका से साइन कर हलफनामा दाखिल करने और 11 जुलाई तक स्कैन कॉपी दाखिल करने को कहा है, इसमें ट्विटर को अंतरिम अधिकारी(RGO) की जवादेही बतानी है. गौरतलब है कि ट्विटर ने HC को बताया है कि उसे शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने में आठ हफ्ते का समय लगेगा. हाईकोर्ट ने मंगलवार को ट्विटर को 8 जुलाई यानी आज तक यह बताने का निर्देश दिया था कि नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के अनुपालन में वह स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (आरजीओ) की नियुक्ति कब तक करेगा? ट्विटर ने आज कोर्ट को यह भी बताया कि वह आईटी नियमों के अनुपालन में भारत में एक संपर्क कार्यालय स्थापित करने की प्रक्रिया में है.यह कार्यालय उनका स्थायी संपर्क होगा.

ट्व‍िटर इंडिया के प्रमुख ने अदालत से कहा, 'यूपी पुलिस के सामने पेश होने को तैयार हूं अगर...'

ट्विटर ने कोर्ट को बताया कि उसने 6 जुलाई को अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी की सेवाओं को एक थर्ड पार्टी कॉन्ट्रैक्टर के  जरिए एक चीफ कंप्लायंस ऑफिसर नियुक्त किया है. इस संबंध में MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) को भी जानकारी दी है. ट्विटर ने ये भी कहा है कि नए आईटी नियमों की वैधता को चुनौती देने का उसका कानूनी अधिकार सुरक्षित है.

नए रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कार्यभार संभालने के बाद बताईं अपनी प्राथमिकताएं...

गौरतलब है कि ट्विटर के खिलाफ याचिका मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में 6 जुलाई को ट्विटर ने माना था कि उसने नए IT नियम का पूरी तरह पालन नहीं किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर से पूछा था कि अगर 21 जून को ग्रीवांस अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया तो दूसरे अधिकारी की नियुक्ति क्यों नहीं की? ट्विटर को दूसरे अधिकारी की नियुक्ति करनी चाहिए थी. HC ने ट्विटर को फटकार लगाते हुए कहा था कि ग्रीवांस अधिकारी की नियुक्ति में कितना समय लगेगा? अगर ट्विटर को लगता है कि वो अपनी मर्जी से जितना समय लेना चाहता है ले सकता है तो हम ऐसा होने नही देंगे. कोर्ट ने ट्विटर के वकील से कहा था कि आप हमें ट्विटर से पूछकर बताएं ग्रीवांस अधिकारी नियुक्त करने में कितना समय लगेगा.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Supreme Court On Madrasa: Uttar Pradesh के 16 हजार मदरसे चलते रहेंगे, SC ने दी बड़ी राहत
Topics mentioned in this article