ग्रेटर नोएडा के रिहायशी इलाके में दिखा तेंदुआ जैसा जंगली जानवर, तलाश में जुटा वन विभाग

वन विभाग की टीम अजनारा ली गार्डन (Ajnara Le Garden) सोसायटी में बड़े–बड़े जाल और पिंजड़ा लेकर पहुंची है. टीम ने बेसमेंट के सभी रास्तों पर जाल लगा दिया है. 

विज्ञापन
Read Time: 19 mins

अजनारा ली गार्डन (Ajnara Le Garden) में तेंदुए को पकड़ने का प्रयास वन विभाग की टीम कर रही है.

नोएडा एक्सटेंशन:

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अजनारा ली गार्डन (Ajnara Le Garden) सोसायटी की निर्माणाधीन बिल्डिंग में तेंदुए जैसा दिखने वाले जंगली जानवर के कैमरे में कैद होने से लोगों में दहशत व्याप्त है. सूचना मिलने के साथ ही गौतमबुद्ध नगर के साथ मेरठ वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने में जुटी है. शाम पांच बजे से शुरू हुआ तलाशी अभियान अभी भी जारी है. सोसाइटी के मैनेजमेंट ने व्हाट्सएप ग्रुप पर चेतावनी का संदेश जारी कर जंगली जानवर के पकड़े जाने तक घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है. दहशत के कारण निवासी घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

वन विभाग की टीम अजनारा ली गार्डन सोसायटी में बड़े–बड़े जाल और पिंजड़ा लेकर पहुंची है. टीम ने बेसमेंट के सभी रास्तों पर जाल लगा दिया है. यहीं जानवर देखा गया था. इसके बाद बेसमेंट को पूरा सर्च किया गया. टीम को देखकर तेंदुआ भाग निकला. तेंदुआ भागकर दूसरी बिल्डिंग में घुस गया है. वन विभाग के अफसरों का कहना है कि जानवर फिशिंग कैट की तरह दिख रहा है. तेंदुआ होने की आशंका कम है. लेपर्ड या उसके समान कोई जंगली जानवर यहां पर है.

डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि ग्रेनो वेस्ट क्षेत्र सूरजपुर वेटलैंड का भी क्षेत्र है. यह दादरी के आसपास तक पेड़ों से घिरा हुआ है. यहां पर काफी मात्रा में वन क्षेत्र है, जहां पर देसी-विदेशी पक्षियों के अलावा हिरण, नीलगाय, जंगली कुत्ते, जंगली बिल्लियां, अजगर समेत अन्य जानवर रहते हैं. साथ ही रेलवे लाइन के पास भी काफी बड़ा जंगल क्षेत्र है. यहां पर जंगली जानवर आ सकते हैं. यह कोई बड़ी बात नहीं है. पास में हिंडन नदी बहती है. मांसाहारी जीवों को प्यास ज्यादा लगती है. पानी की तलाश में हो सकता है नदी के किनारे-किनारे यह जानवर यहां आ गया हो.

Advertisement

यह भी पढ़ें-

Video : पूर्णिया रेलवे स्टेशन पर RPF के कांस्टेबल ने बचाई यात्री की जान, पल भर की भी देर होती तो हो जाता हादसा

Advertisement

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब के पैतृक घर पर यज्ञ करने आए पुजारियों पर हमला, वाहनों में तोड़फोड़

Advertisement

2022 में असम में एक भी गैंडे का शिकार नहीं हुआ, 20 साल में पहली बार हुआ ऐसा

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)