'वादे तो बढ़-चढ़कर किए थे...'- यूपी सरकार पर भड़कीं मथुरा के जवाहर बाग काण्ड में मारे गए SP की पत्नी

अर्चना द्विवेदी ने कहा,‘‘ घटना के समय तो भारतीय जनता पार्टी ने बढ़-चढ़कर वादे किए थे, लेकिन अब छह वर्ष का लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी सरकार ने उनकी शहादत के साथ न्याय नहीं किया."

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
मथुरा:

उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में जिला मुख्यालय पर स्थित उद्यान विभाग के बाग से अतिक्रमणकारियों को हटाने में मारे गए तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें अब इस सरकार से न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं बची है. वह यहां अपने पति मुकुल द्विवेदी की शहादत के दिन उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंची थीं. गौरतलब है कि छह वर्ष पूर्व सौ एकड़ से अधिक दायरे में फैले उद्यान विभाग के (जवाहर बाग) इस बाग पर दो वर्ष से अवैध कब्जा जमाए बैठे अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने के प्रयास के दौरान हुई भीषण हिंसा में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (नगर) मुकुल द्विवेदी और फरह के थानाध्यक्ष संतोष कुमार यादव व 27 अतिक्रमणकारियों की जान चली गई थी. उनमें उनका सरगना रामवृक्ष यादव भी शामिल बताया गया था. 

बीजेपी ने बढ़-चढ़कर किए थे वादे

मुकुल द्विवेद्वी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने कहा,‘‘ घटना के समय तो भारतीय जनता पार्टी ने बढ़-चढ़कर वादे किए थे, लेकिन अब छह वर्ष का लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी सरकार ने उनकी शहादत के साथ न्याय नहीं किया. न तो अपने वादे के अनुसार इस बाग का नामकरण उनके नाम पर किया, न ही बाग में उनकी प्रतिमा की स्थापना की और न ही उन्हें एक शहीद का दर्जा दिया.''

कार्रवाई से रत्ती भर भी संतुष्ट नहीं

संवाददाताओं के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार की कार्रवाई से रत्ती भर भी संतुष्ट नहीं हूं. होऊं भी कैसे? उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी सीबीआई मामले की जांच पूरी नहीं कर सकी है. दोषियों को कड़ी सजा मिलने की बात तो बहुत दूर, उनका पहचान तक नहीं हो सकी कि वे कौन थे ? कहां से आए और कैसे सरकारी बाग पर काबिज हो गए?"

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उन्होंने कहा,‘‘ हमें बताया गया था कि नगर निगम ने मथुरा में चौराहों का नामकरण शहीदों के नाम पर करने का प्रस्ताव पास किया था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. जांच तक आगे नहीं बढ़ाई गई.'' द्विवेदी ने कहा कि उद्यान विभाग से पता चला है कि सरकार ने बाग का नामकरण और स्मारक बनाए जाने से संबंधित फाइल भी अस्वीकर के साथ वापस कर दी है.

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विधायक राजेश चौधरी ने कही ये बात

इधर, मांट से विधायक राजेश चौधरी ने कहा, ‘‘मैं खुद मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी ओर से उनका स्मारक बनवाने का प्रतिवेदन प्रस्तुत करूंगा. उनकी याद में शहीद स्मारक तो बनना ही चाहिए.'' इन दिनों मथुरा दौरे पर आईं सांसद हेमामालिनी ने भी जवाहर बाग पहुंचकर शहीद अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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