"इतनी जल्दबाज़ी क्यों..." : आज़म खान की सदस्यता रद्द करने के मामले में SC ने UP सरकार, चुनाव आयोग से किया सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा क्या वो आजम खां मामले में उपचुनाव की अधिसूचना को 72 घंटे टाल सकता है? इस मामले में अब कुछ देर बार सुनवाई होगी.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
सपा नेता आजम खान मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है.

सपा नेता आजम खान की सदस्यता रद्द करने और चुनाव घोषित किए जाने के मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. आजम खान के वकील पी चिदंबरम ने अदालत में कहा कि निचली अदालत के फैसले के बाद अगले ही दिन सीट खाली घोषित कर दी गई और 10 नवंबर को उपचुनाव की प्रक्रिया की तारीख तय कर दी गई. जबकि एक विधायक को सजा 11 अक्टूबर को हुई थी और उसकी सदस्यता रद्द इतनी जल्दी नहीं की गई. 

इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि नामांकन 17 नवंबर को शुरू होंगे. तब तक आजम खान के पास हाईकोर्ट जाने का पर्याप्त समय है. आजम खान हाईकोर्ट जाएं और वहां सजा पर रोक लगाने की मांग करें. तब अयोग्यता पर भी रोक लग जाएगी. आजम खान के वकील पी चिदंबरम ने कहा कि अयोग्यता पर रोक नहीं लगेगी, ऐसी स्थिति में सीट खाली ही रहेगी. पिछली सुनवाई मे सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार, चुनाव आयोग और विधानसभा सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

सीजेआई ने कहा, ''अयोग्यता दोषसिद्धि की वजह से है. एक बार दोषसिद्धि पर रोक लगने के बाद आपने 5 नवंबर को नोटिस जारी किया है. प्रक्रिया 10 नवंबर से शुरू होगी.'' इस पर आयोग ने कहा कि यह एक प्रेस विज्ञप्ति है, अधिसूचना नहीं. सीजेआई ने कहा कि इन मामलों का व्यापक प्रभाव होता है. 3 दिनों के लिए रुकें, उन्हें समय दें. 

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी विधानसभा सेकेट्री पर भी सवाल उठाए. CJI  ने पूछा, ''क्या हरेक मामले में अगले दिन अयोग्यता करार दे दी जाती है और फिर उपचुनाव की प्रक्रिया में आगे बढ़ा जाता है? खतौली के एक विधायक को जब 11 अक्टूबर को सजा हुई तो आप 8 नवंबर तक क्यों बैठे रहे? आप आजम केस में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रहे हैं? आप इस तरह पिक एंड चूज नहीं कर सकते? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा क्या वो आजम खां मामले में उपचुनाव की अधिसूचना को 72 घंटे टाल सकता है? इस मामले में अब कुछ देर बार सुनवाई होगी.

Advertisement

यह भी पढ़ें-

नोएडा में हैवानियत : प्यार का प्रस्ताव ठुकराने पर लड़की को चौथी मंजिल से नीचे फेंका, फिर शव लेकर भाग गया
''शब्दों से नहीं, काम करके दिखाएंगे'' : शपथ के बाद एनडीटीवी से बोले प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट ने छावला केस के आरोपियों को रिहा किया तो पीड़ित परिवार ने दिल्ली पुलिस से मांगी सुरक्षा

Advertisement
Featured Video Of The Day
Murshidabad Violence पर Bengal BJP अध्यक्ष Sukanta Majumdar का चौंकाने वाला बयान | Mamata Banerjee