आमिर खान को सताता था छोटी हाइट का डर... सक्सेस के लिए कद नहीं, जज्‍बा चाहिए

बॉलीवुड एक्‍टर आमिर खान ने यूं तो बॉलीवुड में आमिर का 'मिस्‍टर परफेक्‍शनिस्‍ट' के तौर पर जाना जाता है लेकिन जब वह फिल्‍म इंडस्‍ट्री में आने वाले थे तो वह अपनी हाइट को लेकर आशंकित रहते थे.

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नई दिल्‍ली:

कद इतना छोटा रखिए कि सबके साथ बैठ सकें और मन इतना बड़ा रखिए कि हर बात उसमें समां सकें...यह बात उन लोगों के लिए सही साबित होती है जो कद में तो छोटे हैं लेकिन फिर भी हर जगह उनकी ही चर्चा होती है. आज हम कद की बात कर रहे हैं क्‍योंकि पिछले दिनों बॉलीवुड एक्‍टर आमिर खान ने अपनी छोटी हाइट को लेकर एक बड़ा राज खोला. यूं तो बॉलीवुड में आमिर का 'मिस्‍टर परफेक्‍शनिस्‍ट' के तौर पर जाना जाता है लेकिन जब वह फिल्‍म इंडस्‍ट्री में आने वाले थे तो वह अपनी हाइट को लेकर आशंकित रहते थे. आमिर की फिल्‍म 'सितारें जमीं पर' रिलीज होने वाली है, इस फिल्‍म में  उनकी मां उन्‍हें 'टिंगू' कहकर बुलाती है. आमिर को अब इस बात का कोई मलाल नहीं है कि लोग उन्‍हें 'टिंगू' बुला रहे हैं. लेकिन क्‍या वाकई कम हाइट वाले लोगों के लिए इस बात से निकल पाना आसान होता है कि वो बाकी लोगों से छोटे कद के हैं. 

आमिर से लेकर टॉम क्रूज तक

भारत में औसत हाइट 5.8 इंच है. सिर्फ आमिर खान ही नहीं बल्कि कई और लोग भी हैं जिनकी हाइट बहुत ज्‍यादा नहीं है. मास्‍टर ब्‍लास्‍टर के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर की हाइट 5.5 इंच ही है, जबकि सुनील गावस्‍कर की हाइट तो उनसे भी कम यानी 5 फीट 4 इंच ही है. 'जय जवान, जय किसान' का नारा देने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री की हाइट मात्र 5 फीट 2 इंच ही थी. इसी तरह से यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ, जिनकी इमेज फायरब्रांड लीडर की है, उनकी हाइट भी 5 फीट 4 इंच ही है. अमिताभ बच्‍चन 6 फीट के तो उनकी पत्‍नी जया बच्‍चन सिर्फ पांच फीट की हैं. इसी तरह से एक्टिंग के क्षेत्र में अपना लोहा मनवा चुकी आलिया भट्ट भी 5 फीट 1 इंच की ही हैं. 

अगर अमेरिका की बात करें तो वहां पर औसत हाइट 5 फीट 9 इंच है. फेसबुक के को-फाउंडर मार्क जुकरबर्ग की हाइट 5 फीट 7 इंच है तो 62 साल की उम्र में अपने स्‍टंट से लोगों को दांतो तले उंगलियां दबाने पर मजबूर करने वाले टॉम क्रूज की हाइट सिर्फ 5 फीट 7 इंच ही है. ब्रूनो मार्स से लेकर अल पचीनो हों या फिर 5 फीट 6 इंच वाले नेपोलियन बोनापार्ट हों जिन्‍होंने 10 साल के अंदर कई लड़ाईयां जीतीं और यूरोप पर कब्‍जा किया. 5 फीट 4 इंच वाले महात्‍मा गांधी आज पूरी दुनिया के आदर्श हैं उनकी भी हाइट सिर्फ 5 फीट 4 इंच थी. 

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रोजमर्रा की जिंदगी में कई चुनौतियां 

ऊपर बताया गया एक भी नाम परिचय का मोहताज नहीं है. आज इन नामों को दुनिया जानती हैं और कुछ तो इनके जैसा बनने का सपना भी देखते हैं.  फिर क्‍यों कुछ लोगों को छोटी हाइट के चलते मजाक झेलना पड़ता है. छोटी हाइट के लोगों को कार की सीट से लेकर परेशानी उठानी पड़ती है तो कभी उन्‍हें कपड़े सही फिटिंग के नहीं मिलते हैं. कभी उन्‍हें दीवार पर लगा मकड़ी का जाला साफ करने में दिक्‍कतें आती हैं तो कभी छत पर लगा पंखा भी ठीक से साफ नहीं हो पाता है. लेकिन इन सब चुनौतियों से छोटी हाइट के लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता है क्‍योंकि छोटी हाइट के लोगों को जो फायदे होते हैं, वो शायद कम ही लोगों को पता होते हैं. 

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2 साल ज्‍यादा जिए छोटे कद के लोग 

इटैलियन आर्मी में में सर्व करने वाले सैनिकों पर एक रिसर्च हुई थी. साल 2017 में हुई इस रिसर्च में सामने आया था कि 161.1 सेमी यानी करीब 5 फीट तीन इंच से कम लंबाई वाले लोग 161.1 सेमी से ज्‍यादा लंबाई वाले लोगों की तुलना में ज्‍यादा समय तक जिंदा रहते हैं. इस स्‍टडी में सन् 1866 और 1915 के बीच एक ही इटैलियन गांव में पैदा हुए पुरुषों की मृत्यु दर को देखा गया. रिसर्चर्स ने देखा कि 70 साल की उम्र में लंबे पुरुषों के छोटे कद वाले लोगों की तुलना में करीब 2 साल कम जीने की उम्मीद थी. 

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क्‍यों ज्‍यादा जीते हैं कम हाइट वाले 

हेल्‍थलाइन के एक  आर्टिकल के अनुसार छोटे कद के लोग ज्‍यादा जीवित रहते हैं. इस आर्टिकल के अनुसार लंबे लोगों की हड्डियां बड़ी होती हैं और छोटे लोगों की तुलना में बड़े आंतरिक अंग होते हैं. इसका मतलब है कि उन्हें बेहतर तरीके से काम करने के लिए रोजाना ज्‍यादा कैलोरी की जरूरत होती है. हेल्‍थलाइन के अनुसार लंबे लोगों में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के होने की आशंका भी ज्‍यादा होती है. साल 2013 में 144,701 ऐसी महिलाओं पर रिसर्च की गई जो प्री-मेनोपॉस से गुजर रही थीं. इस रिसर्च में कैंसर के खतरे और हाइट के बीच एक कड़ी पर विश्‍लेष्‍ण किया गया था. रिसर्च के अनुसार लंबा होना हर तरह के कैंसर से सकारात्मक तौर पर जुड़ा हुआ था. इसमें  थायरॉयड, ब्रेस्‍ट, कोलोन और ओवरी का कैंसर शामिल है. 

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इसलिए होते हैं सफल 

साल 2022 में छोटे कद के पुरुषों के स्वाभव पर अमेरिका के द न्यूयॉर्क पोस्ट ने पोलैंड के वैज्ञानिकों की तरफ से हुई एक रिसर्च को पब्लिश किया था. इस रिसर्च में यह दावा किया गया कि छोटे कद के पुरुषों का व्यवहार ज्‍यादा टकराव भरा था. 'पर्सनैलिटी एंड इंडिविजुअल डिफरेंसेज' मैगजीन ने रिसर्चर्स के हवाले से कहा था कि मनोवैज्ञानिक सिस्टम छोटे कद के लोगों को जीवन की बड़ी चुनौतियों का मुकाबला करने में ज्‍यादा सक्षम बनाता है.  पोलैंड के व्रोकला यूनिवर्सिटी की मोनिका कोजलोस्का के अनुसार जब कोई इंसान शारीरिक तौर पर प्रभावशाली नहीं  है तो तो वह मनोवैज्ञानिक रूप से खुद को प्रभावशाली और ताकतवर दिखाने की कोशिश करता है और अपनी कमी की भरपाई का प्रयास करता है.  मैगजीन की मानें तो इस वजह से छोटे कद के लोग सफल होने के लिए ज्‍यादा कोशिशें करते हैं और उनकी कोशिशें कई बार उन्‍हें सफलता के उस मुकाम पर ले जाती हैं जहां पर पहुंचने का सपना कोई ऊंचे कद का व्‍यक्ति लंबे समय से देखता आ रहा हो. 

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