शशि थरूर लगातार चर्चा में हैं. वे पाकिस्तान के आतंकवादी प्रेम और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में अमेरिका सहित अन्य देशों को उजागर करने एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.अमेरिका में उनसे एक पत्रकार ने राहुल गांधी के पीएम मोदी पर दिए बयान पर शशि थरूर से सवाल किया तो वो पहले तो हंस पड़े. फिर बोले कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद की भाषा बोलता रहेगा, तब तक भारत बल की भाषा बोलता रहेगा.
शशि थरूर से पत्रकार ने सवाल किया था कि राहुल गांधी दावा कर रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्तता से भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ. इस पर शशि थरूर ने पहले तो हंसे फिर बोले, "ठीक है, मैं बस इतना कह सकता हूं कि हमारे मन में अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए बहुत सम्मान है. हम बस इतना ही कह सकते हैं कि हमने कभी भी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा. हमें पाकिस्तानियों की भाषा बोलने में कोई दिक्कत नहीं है."
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा, "जब तक वे आतंकवाद की भाषा का इस्तेमाल करते रहेंगे, हम बल की भाषा का इस्तेमाल करेंगे, इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं होगी. दूसरी ओर, अगर वे आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को खत्म करना चाहते हैं, तो हम उनसे बात कर सकते हैं."
शशि शरूर ने क्या कहा
थरूर ने कहा कि पड़ोसियों के साथ हाल ही में हुए संघर्ष के दौरान भारत को रुकने के लिए कहने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि हम तो पहले से ही कह रहे थे कि पाकिस्तान अगर आगे कुछ नहीं करता तो हम बात को आगे नहीं बढ़ाएंगे.अगर वे (अमेरिकी राष्ट्रपति) इसके बाद पाकिस्तानियों से कहते हैं कि बेहतर होगा कि रुक जाओ और भारत रुकने को तैयार है, तो यह उनकी ओर से एक शानदार कदम है."
पीएम मोदी पर राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिका द्वारा मध्यस्थता के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिकी नेता डोनाल्ड ट्रंप के फोन कॉल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी बात मान ली और युद्ध रोक दिया. मगर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 के युद्ध में अमेरिका के सामने घुटने नहीं टेके. मध्य प्रदेश के भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ये बातें कही.