बिहार चुनाव: क्यों लिया वापस, किसका कटेगा पत्ता, RJD में सिंबल वापसी की इनसाइड स्टोरी

Bihar RJD Symbol Row: बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी में एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. दरअसल, पार्टी ने कुछ कैंडिडेट को सिंबल दे दिया था लेकिन बाद में उनसे सिंबल वापस करने को कहा गया. अब इसकी वजह सामने आई है.

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बिहार आरजेडी में मचा है घमासान
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  • आरजेडी ने बिहार चुनाव के लिए दिया गया पार्टी का सिंबल अपने कैंडिडेट से वापस ले लिए हैं
  • बताया जा रहा है कि महागठबंधन में सीट बंटवारा पूरा होने तक कोई फैसला नहीं किया जाएगा
  • आरजेडी के कुछ कद्दावर नेता के टिकट कटने की भी बात सामने आ रही है
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पटना:

महागठबंधन में सीटों का बंटवारा करीब करीब तय हो चुका है। आज आखिरी दौर की बातचीत के बाद इसका ऐलान हो सकता है. लेकिन इस ऐलान से पहले मंगलवार देर रात आरजेडी कैंप में हाई वोल्टेज ड्रामा चला. मंगलवार शाम से ही राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कई उम्मीदवारों को सिंबल बांटा. उसकी तस्वीर भी सामने आई. मनेर से भाई वीरेंद्र, मटिहानी से बोगो सिंह, परबत्ता से डॉ संजीव, हथुआ से राजेश कुशवाहा, संदेश से अरुण यादव के बेटे दीपू यादव की लालू प्रसाद यादव से सिंबल लेते तस्वीरें सामने आई. इन सभी से देर रात सिंबल वापस करवा लिया गया.

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कांग्रेस वाला भी एंगल!

दरअसल, इन सभी उम्मीदवारों को सिंबल तब दिया गया जब तेजस्वी यादव दिल्ली में थे. लालू प्रसाद यादव पटना पहुंच चुके थे. दिल्ली जाने से पहले ही तेजस्वी यादव ने वरीय नेताओं को सिंबल तैयार करने के लिए कह दिया था. ताकि कांग्रेस से सीटों पर सहमति बनते ही यह सिंबल बांटे जा सके. इसलिए यह सिंबल तैयार थे. सोमवार को IRCTC घोटाला मामले में सुनवाई के बाद लालू प्रसाद यादव पटना लौट आए और तेजस्वी यादव दिल्ली में कांग्रेस के वरीय नेताओं से मुलाकात करने लगे. उनकी मुलाकात केसी वेणुगोपाल से हुई. राहुल गांधी से मुलाकात की भी संभावना थी लेकिन मुलाकात हुई नहीं. इसलिए तेजस्वी दिल्ली में ही थे.

राबड़ी आवास बुला लिया गया 

इस बीच जिन नेताओं को सिंबल तैयार करने की जिम्मेदारी थी उन्होंने कई उम्मीदवारों को 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के आवास पर बुला लिया. सिंबल बांटे जाने लगे. कई सीटों पर उन उम्मीदवारों को सिंबल दिया गया, जहां पार्टी में पूरी तरह सहमति है. इनमें मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र जैसे नाम शामिल हैं. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार कई ऐसे उम्मीदवारों को राबड़ी आवास बुलाया गया था, जिनके नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगी है.

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सहयोगी दल के मुखिया की सीट पर सिंबल बांटने की थी तैयारी!

सिंबल देने के लिए उम्मीदवारों को 10 सर्कुलर रोड में अन्दर बुलाया जा रहा था. एक ऐसी सीट पर भी उम्मीदवार को सिंबल देने की तैयारी थी, जहां से गठबंधन में शामिल दल के मुखिया चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. दल के मुखिया ने पिछले दिनों तेजस्वी यादव से मुलाकात में उस सीटों की चर्चा भी की थी. इस दौरान वहां राजद के एक वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे. फिर भी उस सीट से राजद के उम्मीदवार के तौर पर सिंबल देने के लिए एक नेता को राबड़ी आवास बुलाया गया. जब इस बात की जानकारी पार्टी के मुखिया को मिली तो उन्होंने राजद के राज्यसभा सांसद को फोन किया और अपनी आपत्ति दर्ज की. इसके बाद राजद नेता को सिंबल नहीं मिला. और दूसरे नेताओं से सिंबल वापस करने को कहा गया.

चंद्रशेखर का क्या होगा?

मधेपुरा विधायक चंद्रशेखर को भी राबड़ी आवास बुलाया गया था. उनके टिकट पर सस्पेंस बरकरार है. चर्चा है कि उस सीट से शरद यादव के बेटे शांतनु यादव राजद के सिंबल पर चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन प्रो० चंद्रशेखर को राबड़ी आवास पर बुलाया गया. हालांकि वे अंदर जरूर गए लेकिन उन्हें सिंबल नहीं मिला. बाहर निकल कर उन्होंने कहा कि वे बस शिष्टाचार मुलाकात के लिए आए थे. टिकट को लेकर आलाकमान फैसला करेगा. सूत्रों की मानें तो मधेपुरा से चंद्रशेखर के नाम पर सहमति नहीं बनी है. फिर उन्हें अंदर कैसे बुलाया गया, यह सवाल बना है.

मधेपुरा समेत ऐसी और भी सीटें हैं, जहां उम्मीदवारों को टिकट के लिए बुलाया गया था. लेकिन तेजस्वी यादव के लौटते ही सभी के सिंबल पर ब्रेक लग गया. जिन उम्मीदवारों को सिंबल दिया गया था, उनसे सिंबल वापस लिया गया.

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