Explained: Paytm के CEO विजय शेखर शर्मा ने पेमेंट्स बैंक बोर्ड क्यों छोड़ा?

Paytm ने अलग से दी गई सूचना में कहा, ‘‘विजय शेखर शर्मा (Paytm CEO Resigned) ने बदलाव को लेकर पेटीएम पेमेंट्स बैंक के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है."

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Paytm सीईओ विजय शेखर शर्मा ने दिया इस्तीफा.(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पेटीएम की मुश्किलों के बीच विजय शेखर शर्मा ने सोमवार को Paytm पेमेंट्स बैंक लि. (PPBL) के अंशकालिक गैर-कार्यकारी चेयरमैन पद और बोर्ड सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने यह फैसला आरबीआई द्वारा लगाए गए बैन के बाद लिया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नियमों का अनुपालन नहीं करने के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. को 15 मार्च के बाद ग्राहकों से कोई भी नई जमा राशि या ‘टॉप अप' स्वीकार करने से रोक दिया है.

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विजय शेखर शर्मा पेटीएम में पार्ट टाइम नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन थे.उनके इस्तीफे के बाद बोर्ड का पुनर्गठन हो गया है. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन श्रीधर, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व एग्जीक्यूटिक डायरेक्टर अशोक कुमार गर्ग और दो रिटायर्ड आईएएस को बोर्ड में शामिल किया गया है. 

विजय शेखर शर्मा ने क्यों छोड़ा CEO पद?

विजय शेखर शर्मा के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है. पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने भी अपने नॉमिनी विजय शेखर को हटा लिया है.  विजय ने कहा है कि उनका इस्तीफा और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की नियुक्ति स्मूद ट्रांजीशन और गवर्नमेंट स्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए स्ट्रेटिजिक कदम है.  इस कदम को उनके पेटीएम पेमेंट बैंक यूनिट और पॉजिशन से अलग करने और एक स्वतंत्र इकाई के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिशों के रूप में भी देखा जा रहा है.

पेटीएम के सामने आने वाली नियामक चुनौतियों से इसके स्टॉक रेट पर असर पड़ा है.आरबीआई के आदेश के बाद से इसमें काफी गिरावट आई है. हालांकि, स्टॉक ने रिकवरी के संकेत दिए हैं, जिसका क्रेडिट नई बैंकिंग संस्थाओं के साथ पेटीएम की साझेदारी और आरबीआई द्वारा पेमेंट बैंक के संचालन को बंद करने की समय सीमा बढ़ाने को जाता है.

निर्मला सीतारमण का एक्शन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को फिनटेक इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ उनकी चिंताओं और मुद्दों पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई. हालांकि, रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वहां मौजूद दो सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इस बैठक के दौरान पेटीएम पेमेंट्स बैंक के विकास पर विशेष रूप से चर्चा नहीं हुई. 

क्राइसिस के रिस्पॉन्स में, वित्त मंत्रालय ने भविष्य में कानून प्रवर्तन एजेंसियों और फिनटेक फर्मों के साथ चर्चा करने की योजना की घोषणा की, ये जानकारी मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में दी गई. आगामी बैठक का मकसद फिनटेक फर्मों और विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के बीच संचार को सुविधाजनक बनाना है. कुछ लिस्टेड फिनटेक कंपनियों द्वारा उनके ऑनरशिप स्ट्रक्चर के मामले में उठाई गई चिंताओं की जांच केंद्रीय बैंक और सरकार दोनों से कारई जाएगी. यह कदम फिनटेक क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के व्यापक कोशिश का संकेत है. 

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