बिहार उपचुनाव में प्रशांत किशोर ने क्यों बदल दिए अपने उम्मीदवार?

प्रशांत किशोर का कहना है कि जन सुराज पार्टी (Prashant Kishor Jan Suraj) ने बिहार को राजनीतिक विकल्प देने का अपना वादा निभाया है.जिसमें सिर्फ सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए चुने गए आम पुरुषों और महिलाओं को मैदान में उतारा गया है.

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बिहार उपचुनाव में प्रशांत किशोर ने दो सीटों पर बदले उम्मीदवार.

प्रशांत किशोर बिहार की चुनावी राजनीति में एंट्री (Bihar By Election 2024) करने जा रहे हैं. लेकिन उम्मीदवारों के नामों को लेकर शायद वह पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है. वह नामों में उलझे हुए दिखाई दे रहे हैं. इसका असर हाल ही में देखने को मिला, जब जन सुराज पार्टी अध्यक्ष (Prashant Kishor Replace Candidates) ने उप चुनाव के लिए चार उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर 2 को बदल दिया. पहले उन्होंने ताबड़तोड़ 4 उम्मीदवारों को उतार सियासी हलचल बढ़ा दी, फिर नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि से कुछ दिन पहले उन्होंने ऐलान किया कि वह दो सीट पर अपने उम्मीदवार बदल रहे हैं. सवाल ये उठने लगे हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि प्रशांत किशोर को उम्मीदवार बदलने पड़े. 

इन दो सीटों पर बदले उम्मीदवार

जन सुराज पार्टी ने बिहार की तितारी और बेलागंज सीट पर अपने उम्मीदवारों को बदल दिया है. बेलागंज में फिर से पुराने उम्मीदवारों को टिकट दिया है. तितारी तरारी सीट से जन सुराज पार्टी ने सेना के पूर्व उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल श्री कृष्ण सिंह को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन अब उनकी जगह सामाजिक कार्यकर्ता किरण सिंह चुनाव लड़ेंगी.जब कि पिछले हफ्ते कृष्ण सिंह की उम्मीदवारी का ऐलान काफी धूमधाम से किया गया था. वहीं बेलागंज सीट से खिलाफत हुसैन की जगह अब पूर्व पंचायत मुखिया मोहम्मद अमजद को उम्मीदवार घोषित किया गया है. 

प्रशांत किशोर ने क्यों बदले उम्मीदवार?

कृष्ण सिंह को बदले जाने की वजह बिहार की वोटर लिस्ट में उनका नाम दर्ज न होना है. वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था तो वह बिहार में चुनाव नहीं लड़ सकते थे. चुनाव अधिकारियों ने कहा कि उनको पहले स्थानीय मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराना होगा. चुनावी मौसम में लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण सिंह को मुद्दा बनाया जाए उससे पहले ही पार्टी ने उम्मीदवार बदल दिया. 

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 इसी तरह से बेलागंज में पहले प्रोफेसर अमजद को टिकट दिया गया था, लेकिन उन्होंने पैसे की कमी का हवाला देते हुए अपना नाम वापस ले लिया और खिलाफत हुसैन के नाम का प्रस्ताव रख दिया. लेकिन उन्होंने भी उम्र और शिक्षा में रुचि का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई, जिसके बाद उनकी जगह अमजद को ही फिर से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया. 

'आम लोगों को चुनाव में उतार रहे'

प्रशांत किशोर का कहना है कि एनडीए और इंडिया गठबंधन के ज्यादातर उम्मीदवारों की तरह उनके प्रत्याशी जाने-माने राजनेताओं के परिवार से ताल्लुक नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि जन सुराज ने बिहार को राजनीतिक विकल्प देने का अपना वादा निभाया है.जिसमें सिर्फ सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए चुने गए आम पुरुषों और महिलाओं को मैदान में उतारा गया है.

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बिहार की 4 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव

बिहार में 4 सीटों भोजपुर की तितारी, कैमूर जिले की रामगढ़, गया की बेलागंज और इमामगंज में विधानसभा उपचुनाव होने है. 13 नवंबर को चारों सीटों पर वोटिंग होनी है. महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के साथ ही इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे. जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनके विधायक अब सांसद बन चुके हैं. इस वजह से सीटें खाली हो गई हैं. अब इन पर उपचुनाव करवाए जा रहे हैं.
 

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