कल रिजल्ट मोदी का आ रहा, लेकिन जानिए दिल पाकिस्तान का क्यों धड़क रहा

भारत के चुनाव नतीजों की चर्चा यूं तो पूरी दुनिया में है, लेकिन जितनी चर्चा पाकिस्तान में है, शायद ही उतनी कई और हों. भारत के चुनाव परिणामों में पाकिस्तान की इतनी दिलचस्पी क्यों है, यहां विस्तार से जानिए.

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भारत के चुनाव नतीजों का पाकिस्तान को बेसब्री से इंतजार

देश में लोकसभा चुनाव के सभी सात चरण समाप्त हो चुके हैं. अब बस इंतजार किया जा रहा है, चुनाव नतीजों का. इन चुनाव नतीजों का भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को भी बेसब्री से इंतजार है. चुनाव नतीजे एक जून को घोषित होंगे. भारत में किसकी सरकार बनेगी, अब ये आने वाले कुछ ही घंटों में तय हो जाएगा. एग़्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलता दिख रहा है, साथ ही पीएम मोदी की सत्ता में वापसी का दावा भी किया जा रहा है. लेकिन इस एग्जिट पोल से भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान कुछ ज्यादा ही चिंतित नजर आ रहा है. दरअसल पाकिस्तान को डर सताने लगा है कि पीएम मोदी उसके खिलाफ आक्रामक नीति अपनाएंगे.

एग्जिट पोल के अनुमानों से पाकिस्तान में डर

पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव एजाज चौधरी ने कहा कि ट्रैक रिकॉर्ड से पता चलता है कि पीएम मोदी चुनावी घोषणापत्र को लागू करते हैं. इसलिए, इस बार वह भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास करेंगे और पाकिस्तान के प्रति आक्रामक नीति अपनाएंगे. पाकिस्तानी अख़बार डॉन ने भी एग्ज़िट पोल से जुड़ी ख़बर दी है. अख़बार ने एग्जिट पोल के आंकड़े लिखते हुए बताया कि एग्ज़िट पोल का आंकड़ा सही नहीं हो सकता.

डॉन ने लिखा कि भारत में एग्जिट पोल का रिकॉर्ड खराब है, क्योंकि उनके चुनाव नतीजे अक्सर गलत होते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि बड़े और विविधता वाले देश में उनका सही होना एक चुनौती है.

भारत के चुनावी परिणाम का पाक को क्यों इंतजार

नतीजों को लेकर जितनी जिज्ञासा और चर्चा भारत में है उतनी ही पाकिस्तान में भी है. आख़िर ऐसा क्यों है और पाकिस्तान की जनता और नेता क्या चाहते हैं. दरअसल एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक लोकसभा की 543 सीटों में एनडीए को 365 सीटें आ रही हैं, इंडिया को 146 और अन्य को 32 सीट मिल रही है. ये मंगलवार के दिन तय हो जाएगा कि इन आंकड़ों पर मुहर लगती है या नहीं.

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लोकसभा चुनाव के नतीजों का जितना इंतज़ार बीजेपी और विपक्षी पार्टियों को है उतना ही पाकिस्तान को भी. ऐसे में सवाल उठता है कि आख़िर पाकिस्तान को इन नतीजों का क्यों इंतज़ार है?

पाकिस्तान में सभी चाहते हैं कि चुनाव हार जाए मोदी

कुछ दिन पहले पाक के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि उनके देश में सभी चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएं. इतना ही नहीं फवाद चौधरी ने विपक्षी दलों के नेताओं राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के समर्थन में ट्वीट भी किया था. क़रीब एक महीने पहले फवाद चौधरी ने राहुल गांधी का एक वीडियो ट्वीट किया और लिखा कि राहुल ऑन फ़ायर. इसके बाद फवाद चौधरी ने अरविंद केजरीवाल एक ट्वीट पर लिखा. शांति और सद्भाव नफरत और उग्रवाद की ताकतों को परास्त करें. हालांकि कांग्रेस और ख़ुद केजरीवाल ने फवाद चौधरी के ट्वीट से किनारा कर खुद को इससे अलग कर लिया.

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फवाद चौधरी ने विपक्षी दलों के नेताओं राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के समर्थन में ट्वीट भी किया था. क़रीब एक महीने पहले फवाद चौधरी ने राहुल गांधी का का एक वीडियो ट्वीट किया और लिखा कि राहुल ऑन फ़ायर.

कांग्रेस के लिए पाकिस्तानी नेता कर रहे हैं दुआ

गुजरात की एक रैली में भी पीएम मोदी ने कहा कि यहां कांग्रेस मर रही और वहां पाकिस्तान रो रहा है. संयोग देखिए आज जब भारत में कांग्रेस कमजोर हो रही है. यानी सूक्ष्मदर्शक यंत्र लेकर भी कांग्रेस को ढूंढना मुश्किल हो रहा है. लेकिन मजा ये है कि यहां कांग्रेस मर रही है, वहां पाकिस्तान रो रहा है. कांग्रेस के लिए अब पाकिस्तानी नेता दुआ कर रहे हैं. शहजादे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पाकिस्तान उतावला है. पाकिस्तान और विपक्ष की चाहत पूरी होगी या नहीं यो अब कल ही पता चलेगा, लेकिन एग़्ज़िट पोल के आंकड़े सही हुए तो पाकिस्तान को मिर्ची लगना तय है. 

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पीएम मोदी ने कहा कि यहां कांग्रेस मर रही है, वहां पाकिस्तान रो रहा है. कांग्रेस के लिए अब पाकिस्तानी नेता दुआ कर रहे हैं. शहजादे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पाकिस्तान उतावला है.

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पाकिस्तान को मोदी सरकार से क्यों लगता है डर

पाकिस्तान के नेता नहीं चाहते कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने. पीएम मोदी ने ऐसा क्या किया और पाकिस्तान को मोदी से क्यों डर लगता है. पाकिस्तान को भारत से कितना डर लगता है. खुद पाकिस्तान की संसद में इस बात की गवाही दी गई. पाकिस्तान के एक सांसद ने बताया कि उसके विदेश मंत्री को डर था कि कहीं भारत हमला ना कर दें. पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर भारत ने 40 से ज़्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया. इस ऑपरेशन में सेना के 9 पैरा और 4 पैरा स्पेशल फोर्स के  कमांडो शामिल थे.

भारत ने पाकिस्तान में घुसकर किया हमला

पुलवामा में CRPF के काफ़िले पर आतंकी हमले का भी भारत ने बदला लिया. भारत ने पाकिस्तान में पाकिस्तान में घुसकर हमला किया. भारतीय वायुसेना की इस एयर स्ट्राइक में लॉन्च पैड पर मौजूद 300 से ज़्यादा आतंकी मारे गए. पाकिस्तान अब तक ऐसे किसी हमले से इनकार करता रहा है. अगर पाकिस्तान के नेता नहीं चाहते कि मोदी भारत में फिर सरकार बनाए तो इसका कारण यही है. पाकिस्तान की हर ईंट का जवाब भारत ने पत्थर से दिया है.

अगर पाकिस्तान के नेता नहीं चाहते कि मोदी भारत में फिर सरकार बनाए तो इसका कारण यही है. पाकिस्तान की हर ईंट का जवाब भारत ने पत्थर से दिया है.

अगर पाकिस्तान के नेता नहीं चाहते कि मोदी भारत में फिर सरकार बनाए तो इसका कारण यही है. पाकिस्तान की हर ईंट का जवाब भारत ने पत्थर से दिया है.

कश्मीर में शांति से पाकिस्तान में बैचेनी

भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर हमेशा से एक मुद्दा रहा है. पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवादियों को भेजकर हिंसा को बढ़ावा देता है लेकिन पिछले कुछ सालों में वहां हालात बदले हैं. कश्मीर में भारी वोटिंग इसका बड़ा उदाहरण है. राज्य में अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला चुनाव था. इस बार जम्मू-कश्मीर की पांचों लोकसभा सीटों पर क़रीब 58.46 फीसदी वोटिंग हुई. पिछले 35 सालों में जम्मू-कश्मीर सबसे अधिक वोटिंग का गवाह बना है. पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि कश्मीर के लोगों ने दुनिया को संदेश दिया है.

कश्मीर ने दुनिया को संदेश दिया : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर का सामान्य आदमी जब मतदान करता है तो ऐसा नहीं है कि वह किसी को जिताता है. बल्कि जब वहां का आदमी मतदान करता है तो इसका मतलब है कि वह भारत के संविधान को गले लगाता है और भारत की सरकार बनाने में वह गर्व के साथ भागीदारी करता है. उनको विश्वास हुआ है कि यह सरकार ऐसी है, जहां निष्पक्षता है. जब उन्हें विश्वास हो जाता है कि कोई हेराफेरी नहीं हो रही हो रही है तो पक्का वोट करने के लिए उत्साह से आते हैं. आज मतदान में 40-40 साल के रिकॉर्ड टूट चुके हैं. कश्मीर के मेरे परिवारजन आगे आए, उन्होंने दुनिया को एक मैसेज दे दिया है.  

कश्मीर में वोट से हो रहा है बदलाव

इस बार 2019 के मुक़ाबले जम्मू-कश्मीर में क़रीब 13 फ़ीसदी ज़्यादा वोट पड़े. उम्मीदवारों की तादाद भी पिछले चुनावों के मुक़ाबले 25 फ़ीसदी बढ़ी रही. इन चुनावों में रैलियों के लिए 2455 आवेदन आए. पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था. विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना करते हुए कई तरह की आशंकाएं जताए थी लेकिन राज्य में भारी वोटिंग दिखाते हैं कि केंद्र सरकार का फ़ैसला सही था.
 

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