केंद्र और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है. आबकारी नीति मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी के बाद आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के साथ ही दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ भी आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. आम आदमी पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया था कि उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने 2016 में खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के अध्यक्ष रहते हुए अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदलवाने के लिए दबाव डाला था. दिल्ली विधानसभा में "आप" विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा, ‘‘जब वह (विनय कुमार सक्सेना) केवीआईसी के अध्यक्ष थे, तब नोटबंदी हुई थी और वहां काम करने वाले एक खजांची ने लिखित में दिया था कि उन्हें नोट बदलने के लिए मजबूर किया गया था. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें निलंबित कर दिया गया... लेकिन हम इसकी जांच चाहते हैं. एक समाचार रिपोर्ट भी है और प्रभावित कर्मचारियों के बयान भी हैं.'' हालांकि उप राज्यपाल कह चुके हैं कि वे इस मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. गुरुवार को इस मसले पर मनीष सिसोदिया ने परोक्ष रूप से एलजी पर निशाना साधा.
AAP सांसद संजय सिंह के ट्वीट पर उन्होंने जवाबी ट्वीट किया, "मैंने कुछ ग़लत नहीं किया था, इसलिए मुझे डर नहीं लगा. मेरी पूरी जांच हुई और कुछ नहीं मिला. पूरे देश के सामने मेरी ईमानदारी फिर से साबित हो गई. आप जांच से इतने ज़्यादा क्यों डर रहे हैं? लगता है मामला कुछ ज़्यादा ही गड़बड़ है.
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