क्‍या यादव नहीं कर सकते कथावाचन... जानिए NDTV Creators मंच पर कुमार विश्‍वास और जया किशोरी ने क्या कहा

उत्तर प्रदेश के इटावा में दो यादव जाति के कथावाचकों मुकुट मणि और संत सिंह यादव के साथ हुए दुर्व्‍यवहार का मामला अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है. ये मामला अब यादव बनाव ब्राह्मण होता नजर आ रहा है.

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इटावा की यादव कथावाचक के साथ हुई घटना
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  • इटावा में यादव कथावाचक के साथ मारपीट की घटना ने देशव्यापी बहस को जन्म दिया है.
  • कथावाचन का अधिकार केवल ब्राह्मणों तक सीमित होने का सवाल उठाया गया है.
  • कुमार विश्वास ने कहा कि कथाएं सुनाने का अधिकार सभी को है, जाति से नहीं जुड़ा.
  • जया किशोरी ने कहा कि भगवान ने भेदभाव नहीं किया, कर्म के अनुसार व्यवस्था है.
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नई दिल्‍ली:

उत्‍तर प्रदेश के इटावा जिले में एक कथावाचक के साथ जिस तरह का सलूक हुआ, उसने लोगों को हिला कर रख दिया है. आरोप है कि यादव जाति का होने के कारण उसकी चोटी काट दी और नाक रगड़वाई गई... वजह बताई गई कि वो कथावाचक ब्राह्मण नहीं था, इसलिए उसे कथा कहने का 'अधिकार' नहीं है! अब इस मुद्दे पर देशभर में बहस छिड़ गई है कि क्‍या सिर्फ ब्राह्मण जाति के लोगों को ही कथावाचन का हक है? क्‍या कोई निचली जाति का इंसान कथावाचन नहीं कर सकता? NDTV क्रिएटर्स मंच पर आए कथावाचकों प्रसिद्ध कवि कुमार विश्‍वास और जया किशोरी से जब ये सवाल किया गया, तो जानिए उन्‍होंने क्‍या जवाब दिया.  

'ब्राह्मणों की कर्म-कांड पद्धतियां जिन किताबों पर हैं, वो किसने लिखीं: कुमार विश्‍वास

देश के प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने NDTV क्रिएटर्स मंच पर यादव कथावाचक के साथ मारपीट मामले में कहा, 'अगर कोई कथा कह रहा है, तो पहली बात ये ध्‍यान देने वाली है कि वो कहानी किसकी सुना रहा है. वो यदुवंशी भाई किसकी कहानी सुना रहा है भागवत में? यदुकुल गौरव सुना रहा है. यदुकुल की अथ इति के प्रतीक जिनकी वरण्य है कृष्ण लीक... उन कृष्ण की कथा सुना रहा है. वो किताब किसने लिखी है? वो एक धीवर जाति के व्यक्ति ने लिखी है.'


कवि कुमार विश्वास ने आगे कहा, 'ब्राह्मणों की सारी कर्म-कांड पद्धतियां जिन दो किताबों पर हैं, वो किनकी लिखी हुईं हैं? एक महर्षि वाल्मीकी और दूसरे वेदव्यास. दोनों ब्राह्मण नहीं, दोनों क्षत्रिय नहीं हैं, दोनों वैश्य नहीं हैं. हम सबका काम चल रहा है. मैं भी जा रहा हूं बोलने के लिए, तो किसको सुना रहा हूं? उन्हीं को सुना रहा हूं ना. तो देखिए, उसके पास आधार कार्ड अलग था, ये था, वो था... ये थाने का विषय है भाई. थाने-कचहरी में जाइएगा आप, लेकिन किसी को आप इस बात से वंचित करें कि वो कथा करे तो इसका मतलब है, आपको धर्म का पता नहीं है. हां, मैं उनसे भी प्रार्थना करता हूं कि व्यासपीठ की गरिमा खंडित ना करें.'

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कथावाचक से बदसलूकी पर जया किशोरी बोलीं- कथा कहने का अधिकार सबको, लेकिन... 

यूपी के इटावा में एक यादव कथावाचक के साथ मारपीट हुई, उसकी चोटी काट दी गई. इसके बाद सवाल उठ रहा है कि क्‍या किसी एक विशेष जाति के लोगों को ही कथा कहने का अधिकार है? इस सवाल पर कथावाचक जया किशोरी ने कहा ने कहा, 'मुझे लगता है कि भगवान ने किसी में अभी तक कोई भेदभाव किया नहीं है. गीता में साफ-साफ शब्‍दों में कहा गया है कि कर्म अनुसार ही ये सारी व्‍यवस्‍था बनाई है. अगर ऐसा होता, तो हम भागवत में सूक्‍त जी की बात करते हैं. नेमीसारण्य में 28 हजार  ऋषियों के सामने कथा सुना रहे हैं. हम महार्षि वाल्मीकि जी की रामायण पढ़ते हैं. मुझे लगता है कि अगर ऐसा कुछ होता, तो हम इन सबको पूज नहीं रहे होते और उनके बारे में पढ़ नहीं रहे होते. हां, ये जरूर है कि जब आप वो कार्य करें, तो अच्‍छे से उसे पढ़ें, उसकी मर्यादा समझें, गंभीरता समझें और फिर वो कार्य करें. इसके बाद कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. ये (जाति प्रथा) इंसान के द्वारा बनाए गए नियम हैं, भगवान ने इन्‍हें नहीं बनाया है.'    

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