नगालैंड सैन्य ऑपरेशन में आखिर कहां और कैसे हुई चूक, जवानों पर कुल्हाड़ी से हुआ हमला

नगालैंड आर्मी ऑपरेशन की एसआईटी जांच का ऐलान राज्य के मुख्यमंत्री नेफियू रियो दे चुके हैं. इसमें हत्या का एक केस दर्ज भी किया जा चुका है. 

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नगालैंड सैन्य अभियान और फिर फायरिंग में 14 नागरिकों और एक जवान की मौत

नई दिल्ली:

नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन (Nagaland Army Operation) में हुई चूक का मामला तनावपूर्ण हो गया है. हालांकि इसकी वजह को लेकर अब तमाम बातें सामने आने लगी हैं.नगालैंड में भारतीय सेना की पैरा स्पेशल फोर्सेस की एलीट यूनिट का उग्रवाद रोधी ऑपरेशन पूरी तरह गलत साबित हुआ. आर्मी ऑपरेशन और उसके बाद हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए की गई फायरिंग में अब तक 14 नागरिकों की मौत हुई है. हालांकि प्रदर्शनकारियों के गुस्से के बीच एक जवान भी मारा गया है. जवानों पर कुल्हाड़ियों से हमला किया गया. 

सूत्रों का कहना है कि यह गोपनीय अभियान पुलिस या असम रायफल्स (Assam Rifles) की जानकारी के बगैर किया गया. मोन जिला नगा समूह एनएससीएन (खपलांग गुट) (NSCN K) और उल्फा (ULFA) का गढ़ माना जाता है. यह म्यांमार की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा इलाका है. साथ ही असम की सीमा भी लगती है. यह बेहद संवेदनशील इलाका माना जाता है.सेना के सूत्रों का कहना है कि सैन्य बलों ने उग्रवादियों से मुठभेड़ के लिए प्लान तैयार किया था, लेकिन अचानक ही फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें छह कोयला खनन श्रमिक मारे गए जो ट्रक में सवार थे.   

सूत्रों का कहना है कि शनिवार शाम 4 बजे एक मेजर की अगुवाई में सेना की एक टीम ने तिरु-ओटिंग रोड पर एक पिकअप ट्रक को टारगेट के तौर चिन्हित किया और फायरिंग कर दी. सैन्य सूत्रों के अनुसार, सेना की एलीट 21 पैरा स्पेशल फोर्सेस की यूनिट ने सोचा कि उन्होंने ट्रक पर रायफल देखी, जो मोन जिले के तिरु-ओटिंग रोड से उनकी ओर आ रहा था. इसके बाद जवानों ने तुरंत ही फायर झोंक दिया. इसमें  छह श्रमिक तुरंत ही मारे गए. जबकि दो घायलों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. 

यह माना जा रहा है कि ट्रक पर सवार सभी स्थानीय खनन श्रमिक थे. सूत्रों के अनुसार, ट्रक से कोई हथियार या विस्फोटक बरामद नहीं किया गया. 

सूत्रों का कहना है कि इसके बाद पत्थरों और कुल्हाड़ियों से लैस सैकड़ों ग्रामीणों ने सेना की टीम पर हमला बोल दिया. इसके बाद सेना ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं और इसमें पांच ग्रामीण और मारे गए. कई अन्य घायल हो गए. इसमें एक कमांडो की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए.  

नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियु रियो (Nagaland CM Neiphiu Rio) घटना के वक्त दिल्ली में थे और तुरंत ही वापस लौटे. सूत्रों का कहना है कि वो कैबिनेट मीटिंग करने वाले हैं. सेना, पुलिस और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी नगालैंड की राजधानी कोहिमा में बैठक कर रहे हैं. कर्फ्यू के अलावा मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवा मोन जिले में बंद कर दी गई है, ताकि अफवाहों पर विराम लगाया जा सके. 

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रविवार शाम को उग्र प्रदर्शनकारियों ने असम रायफल्स के कैंप को घेर लिया. पुलिस सूत्रों काकहना है कि भीड़ कैंप में घुस गई और कुछ हिस्सों में आग लगा दी. 
 

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